Move to Jagran APP

पुरातन शास्त्र, शस्त्र व तस्वीरों की वैज्ञानिक ढंग से होगी संभाल

ऐतिहसिक खालसा कॉलेज में

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 12:18 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 12:18 AM (IST)
पुरातन शास्त्र, शस्त्र व तस्वीरों की वैज्ञानिक ढंग से होगी संभाल
पुरातन शास्त्र, शस्त्र व तस्वीरों की वैज्ञानिक ढंग से होगी संभाल

जागरण संवाददाता, अमृतसर : ऐतिहसिक खालसा कॉलेज में 88 साल पुरानी सिख खोज लाइब्रेरी व म्यूजियम को जल्द नई स्थापित इमारत सिख इतिहास खोज सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। खालसा कॉलेज गवर्निग कौंसिल (केसीजीसी) के प्रधान सत्यजीत ¨सह मजीठिया ने वीरवार को सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए यह रिसर्च सेंटर वरदान साबित होगा। इससे पहले यह विभाग कॉलेज कैंपस में पुरानी इमारत में स्थापित था। नए तैयार किए गए सेंटर के इस म्यूजियम में 6274 किताबें हैं। इसमें 16वीं व 17वीं शताब्दी की 442 से अधिक किताबें अंग्रेजी, पारसी, संस्कृत व उर्दू के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक तस्वीरों, शस्त्र, पुरानी वस्तुओं को रखा जाएगा।

loksabha election banner

उनके साथ उप प्रधान स¨वदर ¨सह कत्थूनंगल व आनरेरी सचिव रा¨जदर मोहन ¨सह छीना भी थे। उन्होंने कहा कि इस म्यूजियम की देखभाल सिख हिस्ट्री रिसर्च विभाग करेगा। सिख इतिहास सेंटर में पुरातन खरड़ों, पोथियों आदि के रख-रखाव को लेकर केसीजीसी द्वारा हैदराबाद स्थित सिख हेरिटेज फाउंडेशन हैदराबाद दक्षिण के सहयोग से कंजर्वेशन एंड प्रिजर्वेशन ऑफ मेनीस्क्रिप्ट की एक महीना चलने वाली वर्कशाप लगाई गई थी, जिसमें सत्तर जंग म्यूजियम के पूर्व क्यूरेटर अहमद अली व फाउंडेशन के कन्वीनर सज्जन ¨सह की छह सदस्यीय टीम द्वारा पुरातन खरड़ों, पोथियों की वैज्ञानिक ढंग से कई प्रकार के रसायणों का प्रयोग करके संभाल की जा रही है।

महाराजा रंजीत ¨सह के समय के सिख जरनैलों की हैं तस्वीरें

सिख इतिहास के दस्तावेज के अलावा यहां खालसा आरमी व सिख युद्धों से संबंधित बहुत सी लिखित सामग्री व पुराने हथियार भी रखे गए हैं। इसमें सिख राज, जिसमें महाराजा रंजीत ¨सह के समय के सिख जरनैलों की तस्वीरें है। संबंधित वस्तुएं शोधार्थियों व आम पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। छीना ने इस अवसर पर कहा कि विभिन्न सिख युद्धों में प्रयोग किए गए सैकड़ों दुर्लभ हथियार भी म्यूजियम में सुशोभित किए जाएंगे। कुछ दस्तावेज दुनिया में कही भी और मौजूद नहीं है, जिनमें शाहनामा मोहम्मद जमाल द्वारा लिखित है, जिसकी सिर्फ दो ही अन्य कापियां मौजूद हैं। उनमें एक लंदन म्यूजियम व दूसरी लाहौर म्यूजियम में है व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की दो हस्त लिखित बीड़ सिर्फ यहां मौजूद हैं। खालसा कॉलेज के ¨प्रसिपल डॉ. महल ¨सह ने कहा कि उनके पास हजारों खोज विद्यार्थी व सिख इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले आम लोग काफी संख्या में आते हैं। म्यूजियम में रखी दुर्लभ वस्तुओं को रिसर्च व अपनी आगामी शिक्षण ज्ञान के लिए प्रयोग करते हैं। इस अवसर पर केसीजीसी के अतिरिक्त सचिव ज¨तदर बराड़, संयुक्त सचिव अजमेर ¨सह हेर, सरदूल ¨सह मनन, निर्मल ¨सह, राजबीर ¨सह, हर¨मदर ¨सह फ्रीडम, ¨प्रसिपल जगदीश ¨सह, परमजीत ¨सह, सुखदेव ¨सह अब्दाल, एसएस सेठी, अजीत ¨सह बसरा, वीसी डा.गुरमोहन ¨सह वालिया, ¨प्र. डॉ. सु¨रदर पाल ढिल्लों माहल, ¨प्र. डॉ. हरप्रीत कौर, ¨प्र. डॉ. मनप्रीत कौर, ¨प्र. डॉ. जसपाल ¨सह, ¨प्र. आरके धवन, ¨प्र. नानक ¨सह, ¨प्र. डॉ. एचबी ¨सह, ¨प्र. डॉ. एसएस सिद्धू, मैनेजर प्रोजेक्ट इंजी. एनके शर्मा आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.