जिले के 79 सेवा केंद्र कल से रहेंगे बंद
पंजाब सरकार ने शुक्रवार की देर सायं अचानक अमृतसर जिले के 79 सेवा केंद्रों को बंद करने के ऑर्डर जारी कर दिए है। इनमें एक सेवा केंद्र टाइप टू का जबकि 78 सेवा केंद्र टाइप थ्री के शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार ने शुक्रवार की देर सायं अचानक अमृतसर जिले के 79 सेवा केंद्रों को बंद करने के ऑर्डर जारी कर दिए है। इनमें एक सेवा केंद्र टाइप टू का जबकि 78 सेवा केंद्र टाइप थ्री के शामिल हैं। इन पर सेवाएं अगले आदेशों तक बंद कर दी हैं। बंद किए गए सेवा केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। दो साल पहले बादल सरकार ने जिले में सुविधा केंद्रों को खत्म कर 153 सेवा केंद्रों की शुरुआत की थी। सरकार के आदेशों के बाद अब जिले के उक्त सेवा केंद्र राज्य के 700 उन सेवा केंद्रों में शामिल हैं, जिन पर सोमवार से काम करने पर रोक लगाई हैं। सरकार ने
इस बाबत वेबसाइट डीजीआरपीयूएनजेएवी.जीओवी.आईएन पर बंद किए गए केंद्रों का ब्योरा डालने के साथ ही जनता को 26 मई 2018 से इन पर किसी भी तरह का आवेदन नहीं करने संबंधी आगाह भी किया है। बंद किए गए सेवा केंद्र
टाइप टू के तहत बंद किए गए सेवा केंद्र रमदास के अलावा टाइप टू के क्यामपुर, वडाला जोहल, अव्वान, थोबा, जगदेव खुर्द, ¨भडीसैदां, कक्कड़, सारंगढ़ा, बच्ची¨वड, मुध, भीलोवाल, तलवंडी राय दादू, गग्गोमाहल, वणिके, ओठियां, गुज्जा पीर, मानांवाला, सुधार, झंझोटी, ख्याला खुर्द, हर्षा छीना विचला किला, भला ¨पड, जगदेव कलां, संगतपुरा, रियाड़, पूंघा, वछोहा, चक्क सिकंदर, भमीरी, करयाल, भिट्टेवड्ड, पधरी, मेहमद मंदरावाला, भंगवा, जीजेआनी, कोटली ढोले शाह, शाम नगर, कोटला सुल्तान ¨सह, सोहियां कलां, नाग कलां, लुधर, तलवंडी दसोंधा, मल्लियां, बल्लियां मंझपुर, मेहरबानपुरा, फतेहपुर, परियाम नंगल, गुरुवाली, रख झीते, झीते कलां, पंडोरी मेहमां, मंडियाला, बोहड़ू, खापड़खेड़ी, रामपुरा, वड्डा भिट्टेवड्ड, फतेहगढ़ शूकरचक्क, जगतपुरा बजाजत लोहरकां कलां, बल सिकंदर, चक्क मुकंद, चीचे, सीमावर्ती गांव घ¨रडा, रणिके, मोदे, नेस्टा, राजाताल के अलावा उमरा नंगल, निज्जर, धूलका, मुधल, टांगरा, गगड़भाना, जोधे, भोरसी ब्राहमणा, बाबा बकाला, बाबा फौजा ¨सह वाला तथा नवां तमैल गांव के टाइप थ्री के सेवा केंद्रों को पक्के तौर पर ही बंद कर दिया गया है।
क्या रहा कारण
बंद किए गए सेवा केंद्र पंजाब सरकार के लिए कमाउ पूत नहीं थे। उल्टा इन केंद्रों में रखे गए कर्मचारियों का वेतन सरकार के ऊपर बोझ था। ये ऐसे सेवा केंद्र थे जिन पर 1-2 से ज्यादा आवेदक नहीं पहुंचते थे। इनमें से तो कई सेवा केंद्र ऐसे हैं, जिन पर सप्ताह में एक भी आवेदक नहीं पहुंचता था। इन पर तैनात कर्मचारी पूरा दिन केंद्रों में आराम फरमा कर वापस घर चले जाते थे। इसको देखते हुए पंजाब सरकार को यह सख्त फैसला लेना पड़ा। सरकार ने काफी सोच-विचार के बाद यह कदम उठाया है। उक्त सेवा केंद्र बंद होने से किसी भी गांव के लोगों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला क्योंकि यहां से रोजाना बहुत कम लोग ही सेवाओं के लिए सेवा केंद्र पहुंचते थे। क्योंकि यह सरकार के लिए नुकसानदेह थे तो सरकार ने आदेश जारी करके जिले के 79 सेवा केंद्रों को बंद कर दिया है।
कमलदीप ¨सह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।