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मेयर को 72 घंटे का नोटिस, कोठी के बाहर पक्का मोर्चा लगाएगी कमेटी

गर निगम में एक बार फिर यूनियनों व मेयर-कमिश्नर के बीच विवाद खड़ा हो गया है। निगम द्वारा प्रस्तावित 61 कंडम वाहनों की नीलामी पर सांझी संघर्ष कमेटी ने सवाल खडे़ करते हुए आरोप लगाए है कि 2015 में पूर्व सरकार द्वारा खरीदे गए वाहनों को कंडम घोषित कर नीलाम करने की साजिश हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:20 PM (IST)
मेयर को 72 घंटे का नोटिस, कोठी के बाहर पक्का मोर्चा लगाएगी कमेटी
मेयर को 72 घंटे का नोटिस, कोठी के बाहर पक्का मोर्चा लगाएगी कमेटी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : नगर निगम में एक बार फिर यूनियनों व मेयर-कमिश्नर के बीच विवाद खड़ा हो गया है। निगम द्वारा प्रस्तावित 61 कंडम वाहनों की नीलामी पर सांझी संघर्ष कमेटी ने सवाल खडे़ करते हुए आरोप लगाए है कि 2015 में पूर्व सरकार द्वारा खरीदे गए वाहनों को कंडम घोषित कर नीलाम करने की साजिश हो रही है। कमेटी ने निगम प्रशासन को 72 घंटे का नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी कि अगर मुलाजिम विरोधी गतिविधियां बंद न हुई तो किसानों की तर्ज पर मेयर की कोठी के बाहर लंगर लेकर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। निगम मुलाजिम 26 जनवरी को वहीं झंडा लहराएंगे।

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हाथी गेट स्थित निगम की आटो वर्कशाप में सांझी संघर्ष कमेटी की सफाई मजदूर यूनियन के प्रधान विनोद बिट्टा और म्युनिसिपल यूथ इंप्लाइज फेडरेशन के प्रधान आशू नाहर, चेयरमैन राजकुमार राजू की अध्यक्षता में चार घंटे चली बैठक में सवाल उठाए गए कि निगम द्वारा मैकेनिकल स्वीपिग के लिए मशीन तो खरीदी गई है, पर इसे चला प्राइवेट लोग रहे हैं। यह निगम मुलाजिमों के साथ सरेआम धक्का है। इतना ही नहीं इस मशीन को आठ घंटे में अस्सी लीटर डीजल जारी हो रहा है, जबकि निगम की एक गाड़ी को 16 लीडर तेल जारी होता है। इसकी जांच होनी चाहिए और किस अधिकारी ने इसकी स्केलिग की है, उसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंडम वाहनों की आड़ में 2015 में पूर्व मेयर बख्शीराम अरोड़ा द्वारा सवा चार करोड़ की मशीनरी खरीदी गई थी, जिसे बंद करवा दिया गया है और कंडम घोषित कर नीलामी की तैयारी है। यह गाड़िया अभी दस साल ओर चल सकती है। मेयर व कमिश्नर जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि आटो वर्कशाप में ड्राइवरों के पास बैठने के लिए कमरा नहीं है और जो कमरा था उसे बंद करवा दिया गया है। दूसरी तरफ मेयर सरकारी जगहों पर ऐश कर रहे है। रणजीत एवेन्यू में मुख्य कार्यालय में उनके आफिस के अलावा महाराजा रणजीत सिंह पैनोरमा में दफ्तर, रानी का बाग कोठी एक और निगम कमिश्नर के आवास वाली जगह भी मेयर के ही कब्जे में है। यह भी है मुलाजिमों की मांगे

-800 सफाई सेवकों की जल्द भर्ती हो।

-शहर में चल रही कूड़े की ट्रैक्टर ट्रालियों में चार रेगुलर मुलाजिम दिए जाए।

-हर त्योहार की छुट्टी तथा शनिवार डयूटी देने वाले मुलाजिम को वेतन के साथ दिहाड़ी जोड़ा जाए।

-वर्कशाप में पंचर लगाने व वाशिग सेंटर बनाया जाए।

-वर्कशाप में बंद दफ्तरों को ड्राइवरों के बैठने के लिए खोला जाए।

-आटो वर्कशाप में बाथरूम बनाकर स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाया जाए। सरकारी गाइड लाइन पर होगी नीलामी : मेयर

2015 में खरीदे गए किसी भी वाहन की नीलामी नहीं की जा रही। जिन वाहनों की नीलामी होनी है, वह सरकारी गाइड लाइन पर होनी है। मुलाजिमों में जायज मांगों को हमेशा ही सहर्ष स्वीकार किया गया है। निगम की जगहों का उपयोग सरकारी काम के लिए ही हो रहा है।

-कर्मजीत सिंह रिटू, मेयर

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कंपनी दे रही पांच साल की ओएंडएम : मित्तल

मैकेनिकल रोड स्वीपिग मशीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लेकर निगम को दी गई है ओर इसके एग्रीमेंट में ही है कि पांच साल की आप्रेशन एंड मेंटेंस कंपनी देगी। इसमें एक ड्राइवर, एक हेल्पर के अलावा एक साल का स्पेयरपार्ट शामिल है। वर्कशाप में ड्राइवरों का कमरा तैयार करवाया जा रहा है और बाकी काम के भी टेंडर लगे हुए है।

-कोमल मित्तल, कमिश्नर


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