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पाकिस्‍तान की जेल से रिहा हो वतन पहुंचे 68 भारतीय मछुआरे

पाकिस्‍तान की जेल से रिहा होकर 68 मछुआरे भारत पहुंचे। उन्‍हें बाघा तथा अटारी बोर्डर पर पाक रेंजर्स ने बीएसएफ के हवाले किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 09:11 AM (IST)
पाकिस्‍तान की जेल से रिहा हो वतन  पहुंचे 68 भारतीय मछुआरे
पाकिस्‍तान की जेल से रिहा हो वतन पहुंचे 68 भारतीय मछुआरे

जेएनएन, अमृतसर। पाकिस्तान की कराची की लांडी जेल से रिहाई के बाद 68 भारतीय मछुआरे वतन लौटे। वे अटारी सीमा से भारत पहुंचे और इस दौरान वतन वापसी की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिख रही थी। इन मछुआरों में अधिकतर गुजरात के रहनेवाले हैं। पाकिस्‍तानी रेंजर्स ने इन्हें वाघा तथा अटारी के बीच जीरो लाइन पर बीएसएफ के हवाले किया।

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सीमा पार कर भारत पहुंचने पर सबसे पहले इन कैदियों ने भारत की भूमि को चूमा। पाकिस्‍तानी जेल से मुक्ति मिलने पर वे बेहद खुश थे। उन्‍होंने कहा कि वतन वापस आने की खुशी वे शब्‍दों में बयां नहीं कर सकते। पाकिस्‍तानी रेंजर्स द्वारा सौंपे जाने के बाद उनको अन्‍य औपचारिकताआें के लिए लेकर जाया गया।

कस्टम व इमीग्रेशन की औपचारिकता मुकम्मल होने के बाद नायब तहसीलदार अजय कुमार मौदगिल कैदियों को लेकर रेडक्रास भवन अमृतसर पहुंचे। इन्हें लेने के लिए आज गुजरात सरकार के मत्स्य विभाग के उमरगान के सुपरिंटेंडेंट टीम के साथ अमृतसर पहुंच रहे हैं।

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रिहा होकर आए गुजरात के जीना राम, राणा भगवान तथा विकास दात ने कहा कि गुजरात (कच्छ) में मछली पकड़ते-पकड़ते लोग गलती से पाक सीमा में पहुंच जाते हैं, क्योंकि पानी के क्षेत्र में कोई सीमा नहीं और इसे लेकर दोनों देशों को कदम उठाने चाहिए। पानी में भारत-पाक की सीमा निर्धारित की जानी चाहिए।

कैदियों ने कहा कि पाक सरकार को उनकी किश्तियां भी वापस करनी चाहिए, जो लाखों रुपयों की होती है। नायब तहसीलदार अजय कुमार मौदगिल ने बताया कि इनके लिए रेडक्रास भवन में रात के खाने की व्यवस्था की गई है और इन्हें सुरक्षा के बीच वहां रखा जाएगा।

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