कटड़ा जैमल सिंह: 30 फुटी चौड़ी सड़क, 15 फुट में वाहन खड़े
स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर वापस जाने के लिए पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कटड़ा जैमल सिंह के रास्ते जाना पड़ता है। लेकिन यह मार्ग मौजूदा समय में ट्रैफिक के कारण त्रस्त है। इसी मार्ग पर ही कई मुख्य मार्केट हैं।
जागरण संवाददाता,अमृतसर
स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर वापस जाने के लिए पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कटड़ा जैमल सिंह के रास्ते जाना पड़ता है। लेकिन यह मार्ग मौजूदा समय में ट्रैफिक के कारण त्रस्त है। इसी मार्ग पर ही कई मुख्य मार्केट हैं। जिनमें सबसे खास कपड़ा मार्केट है। यह मार्केट पर्यटकों की पहली पसंद भी है। लेकिन यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम से हर कोई परेशान है। इस मार्ग पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा भी कुछ खास प्रयास नहीं किए जा रहे। कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी अपना वाहन खड़ा कर देता है जिसे हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है। पुलिस कर्मी चौराहों में खड़े तो हरते हैं, लेकिन खानापूर्ति पूरी करने के लिए।
कई सालों से है यहां पर यह समस्या
कटड़ा जैमल सिंह में ट्रैफिक की समस्या कई साल पुरानी है। हर रोज सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। समस्या के हल के लिए पुख्ता प्रयास न किए जाने कारण आम लोग परेशानी झेल रहे हैं। गौर हो कि इसी मार्ग पर कपड़े के अलावा इलेक्ट्रोनिक सामान की भी बड़ी मार्केट हैं। इन सारी दुकानों पर हजारों की संख्या में कर्मचारी भी काम करते हैं। ऐसे में वह भी अपने दोपहिया वाहन दुकानों के बाहर ही खड़ा करते हैं जिससे यह सड़क सिकुड़ कर आधी रह जाती है।
दोबारा शुरू हो टो-वैन तो समस्या हो सकती हल
कटड़ा जैमल सिंह में हर रोज करोड़ों रुपये का व्यापार होता है। करीब दो साल पहले तक शहर में टो-वैन चलती थी। मगर दो सालों से इसे बंद कर दिया गया है। टो-वैन के डर से लोग अपने चौपहिया वाहन बीच सड़क में खड़े करने से डरते थे और दोपहिया वाहनों को भी अच्छे ढंग से पार्क करते थे। क्योंकि एक बार गाड़ी टो हो जाती तो भारी-भरकम जुर्माना अदा करना पड़ता था। मगर इसके बंद हो जाने के कारण किसी के भी मन में डर नहीं बचा। इसलिए शहर के कुछ मुख्य बाजारों मे टो-वैन को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। ताकि आम लोग भी अपनी जिम्मेदारी को समझ कर सही जगह पर वाहन पार्क करें और ट्रैफिक की समस्या हल हो सकें।
-चमन लाल शर्मा, रिटायर एसएसपी।
मुख्य बाजारों में ट्रैफिक समस्या की जाएगी हल: एडीसीपी ट्रैफिक
एडीसीपी ट्रैफिक जसवंत कौर ने कहा कि शहर के जितने भी मुख्य बाजार हैं वहां पर ट्रैफिक समस्या के हल के लिए काम चल रहा है। जल्द ही पूरे शहर को ट्रैफिक की समस्या से आजादी दिलवाई जाएगी। उसके बाद किसी को भी परेशानी नहीं होगी।
लोगों के कोट:
1.कटड़ा जैमल सिंह शहर का मुख्य बाजार है। हर रोज यहां पर लोग परेशान होते हैं। इस समस्या को हल करने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की है। लेकिन पुलिस इस पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं कर रही। अलग से एक पार्किंग बनाए जाने की जरूरत है। ताकि लोग अपने वाहन वहां पर खड़े कर सकें।
-सलिल महाजन।
2.ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी केवल इस बाजर में तैनात रह कर वाहनों को ठीक ढंग से पार्क करवाने का ही जिम्मा उठा लें तो यह समस्या हल हो जाएगी। क्योंकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को पता नहीं होता कि गाड़ी कहां पर लगानी है। ऐसे में वह लोग सड़क पर पार्क कर देते हैं, जिससे जाम लगता है।
-विशाल महाजन।
3.पुलिस का ध्यान केवल चालान काटने में व्यस्त रहता है, न कि ट्रैफिक को ठीक में। अगर ट्रैफिक पुलिस सही ढंग से अपनी ड्यूटी करे तो समस्या से निजात मिल सकती है। लेकिन पुलिस की ढीली कार्रवाई के कारण हर किसी को परेशान होना पड़ रहा है।
-संदीप महाजन।
4.वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग बनाए जाने की जरूरत है। ताकि यहां पर काम करने वाले कर्मचारी भी अपने दोपहिया वाहन किसी जगह पर लगा सकें और सड़क खाली रहे। इस संबंध में जिला प्रशासन को सोचने की जरूरत है। ट्रैफिक पुलिस को भी चाहिए कि व्यवस्था को सुधारे।
-कुलदीप सिंह।
5.बाजार में लंबा जाम लग जाता है। उसके बावजूद कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी जाम को खुलवाने के लिए नहीं आता। लोग खुद ही किसी न किसी तरह जाम से निजात पाने की कोशिश करते रहते हैं। इसका हल यही है कि पार्किंग की व्यवस्था हो और वाहनों को सड़क पर न लगने दिया जाए।
-अश्वनी कुमार।