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क्लेरिकल कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में किया प्रदर्शन

पंजाब सरकार के पर्सोनल विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के सचिवों के साथ बैठक कर मेडिकल शिक्षा विभाग का बंटवारा करते हुए कामन काडर किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 03:00 AM (IST)
क्लेरिकल कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में किया प्रदर्शन
क्लेरिकल कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब सरकार के पर्सोनल विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के सचिवों के साथ बैठक कर मेडिकल शिक्षा विभाग का बंटवारा करते हुए कामन काडर किया। इसमें क्लेरिकल, पैरा मेडिकल, नर्सिंग व दर्जा चार पदों के काडर को अलग-अलग करने का निर्णय लिया गया। पंजाब राज्य सेहत विभाग क्लेरिकल एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन के सदस्यों ने सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में धरना लगाकर रोष जाहिर किया। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव जगदीश ठाकुर ने कहा कि कामन काडर अलग करने से हजारों कर्मचारियों का नुकसान होगा। कर्मचारियों को प्रमोशन से वंचित कर दिया जाएगा। सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे क्लेरिकल कर्मचारियों के लिए यह नीति खतरनाक साबित होगी।

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यहां उल्लेख करना जरूरी है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के कामन काडर के विभाजन को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य दोनों विभागों के काडर के मामलों के कारण पैदा हुए विवादों को हल करना है। पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एक ही विभाग थे। बाद में मेडिकल शिक्षा और खोज तथा सेहत व परिवार भलाई विभाग अलग-अलग हो गए। जगदीश ठाकुर ने कहा कि सरकार अपना फैसला बदले, अन्यथा कर्मचारी सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। मुलाजिमों को तनख्वाह रिलीज करें पावरकाम

वहीं बिजली निगम द्वारा लाक डाउन महीने की तनख्वाह मुलाजिमों न दिए जाने पर स्पाट बिलिग यूनियन ने रोष जताया है।

यूनियन सरपरस्त गुलाम मसीह ने कहा कि पावरकाम मुलाजिमों की तनख्वाह जल्द रिलीज करें अन्यथा पूरे पंजाब में बिलिग बंद की जाएगी। गगनदीप सिंह ने बताया कि पहले बिलिग बंद करने का निर्णय यूनियन ने लिया था लेकिन उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने यह फैसला रद्द कर दिया है। नेताओं ने कहा कि यदि पावर कॉम की मैनेजमेंट आने वाली दस मार्च तक वेतन जारी नहीं करती तो यूनियन पावर कॉम के विरुद्ध ठोस कदम उठाएगी। बिलिग बंद होने से नुकसान की जिम्मेदार पूर्ण तौर पर पावरकाम की मैनेजमेंट की होगी। इस अवसर पर गुलाम मसीह, अवतार सिंह, कुलवंत सिंह, विनय कुमार आदि मौजूद थे।


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