पशुपालन विभाग ने दिया जवाब, टैग का रिकार्ड दर्ज नहीं
पशुपालन विभाग द्वारा जारी किए गए जाने वाले टैग के जरिए पशुओं के मालिकों की पहचान नहीं हो सकती। यह बात पशुपालन विभाग ने साबित भी कर दी है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पशुपालन विभाग द्वारा जारी किए गए जाने वाले टैग के जरिए पशुओं के मालिकों की पहचान नहीं हो सकती। यह बात पशुपालन विभाग ने साबित भी कर दी है। बीते मंगलवार की रात को रियाल्टो चौक के समीप एक गाय सड़क हादसे का शिकार हुई। गाय के कान पर टैग लगा था। इस टैग के जरिए पशुपालन विभाग तीन दिन तक मालिक तक नहीं पहुंच सका। अंतत: पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि हादसे का शिकार हुई गाय के कान पर लगा टैग न ही तहसील के आनलाइन डाटा में उपलब्ध है और न ही सीवीएच गिलवाली गेट अमृतसर में।
एंटी क्राइम एंड एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के चेयरमैन डा. रोहण मेहरा के अनुसार पशुपालन विभाग ने जो पत्र जारी कर जानकारी दी है वह हास्यास्पद है। विभाग द्वारा जारी टैग ही तो जख्मी गाय के कान पर लगाया गया है। पशुपालन विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी जिलों के पशुपालन कार्यालयों में इस सीरियल नंबर को जारी कर गाय के मालिक की पहचान करवाई जाए। साथ ही डीजीपी को भी पत्र लिख रहे हैं कि गाय को खुला छोड़ने वाले के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। चूंकि पुलिस का कहना है कि गाय के मालिक की पहचान हो जाए तो केस दर्ज करेंगे, पर पुलिस अज्ञात के खिलाफ भी तो केस दर्ज कर सकती है। केस दर्ज करके उसकी तलाश की जा सकती है। डा. रोहण ने कहा कि गोधन की कोई भी सुध नहीं ले रहा। यदि हालत ऐसे ही रहे तो उनकी संस्था सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन शुरू कर देगी।