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रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र में पड़ी टूटी कुर्सियां, स्टेशन का हो रहा विकास, फर्नीचर का नहीं

अमृतसर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तर की आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाने का काम चल रहा है। लेकिन इसके पूछताछ केंद्र को देख कर ऐसा लग रहा है कि रेलवे कर्मचारियों के लिए सुविधाएं देने को प्रशासन गंभीर नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 04:00 PM (IST)
रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र में पड़ी टूटी कुर्सियां, स्टेशन का हो रहा विकास, फर्नीचर का नहीं
रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र में पड़ी टूटी कुर्सियां, स्टेशन का हो रहा विकास, फर्नीचर का नहीं

संवाद सहयोगी, अमृतसर : अमृतसर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तर की आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाने का काम चल रहा है। लेकिन इसके पूछताछ केंद्र को देख कर ऐसा लग रहा है कि रेलवे कर्मचारियों के लिए सुविधाएं देने को प्रशासन गंभीर नहीं है। कोरोना 19 के कारण चाहे रेलगाड़ियों का पहिया जाम रहा है। उसके बाद कुछेक रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू हुआ है।

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दैनिक जागरण की टीम ने जब इस पूछताछ केंद्र के भीतर जाकर देखा तो वहां पर काम करने वाले कर्मचारी टूटी हुई कुर्सियों पर बैठने को मजबूर हैं। कोई भी यात्री अगर पूछताछ केंद्र की खिड़की में आकर रेलगाड़ियों के समय सारिणी के बारे पूछने आता है तो उसकी नजर जब भीतर कार्यालय में जाती है तो वहां कुर्सियां टूटी देख कर उनके मन में रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाने की बात आती है। पूछताछ केंद्र में कर्मचारियों के बैठने के लिए दो कुर्सियां पड़ी हुई है। जोकि दोनों टूटी पड़ी है। इस कुर्सी पर बैठने पर कर्मचारी भी शर्मिंदगी महसूस करते है जब दैनिक जागरण की टीम ने कार्यरत कर्मचारी से पूछने की कोशिश की तो उसने नाम नहीं बताया पर इतना जरूर कहा कि स्टेशन का विकास हो रहा है पर फर्नीचर की हालत खस्ता है। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती बरतें : डीसी

वहीं ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा ने संबंधित विभागों को हिदायत जारी कर सख्ती से निपटने के लिए कहा है। डीसी खैहरा ने कहा ति डीजे वाले अब देर रात तक ऊंची आवाज में गीत नहीं चला सकेंगे। अगर ऐसा हुआ तो उनका सामान जब्त कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि शहर और शहर से बाहर मैरिज पैलेसों, लोगों के घरों, होटल आदि की छतों पर ऊंची आवाज में गीत चलते तो इससे आम लोगों को काफी समस्या होती है। इस कारण इसके साथ सख्ती से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात से निपटने के लिए इलाके का एसडीएम और डीएसपी अपने स्तर पर कार्रवाई करें। डीजे केवल बंद करवाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग सामाजिक संगठनों को भी आगे आकर इस संबंधी जागरूकता फैलाने की अपील की। ताकि ध्वनि प्रदूषण को खत्म किया जा सके। इस मौके पर एडीसी हिमांशु अग्रवाल, एसडीएम इनायत गुप्ता, एसडीएम सुमित, एसडीएम दीपक भाटिया मौजूद थे।


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