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सिविल अस्पताल प्रशासन सख्त, गायनी डॉक्टरों ने भी दिखाए तेवर

जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में कार्यरत गायनी डॉक्टर्स को काम करना ही होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:05 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 12:05 AM (IST)
सिविल अस्पताल प्रशासन सख्त, गायनी डॉक्टरों ने भी दिखाए तेवर
सिविल अस्पताल प्रशासन सख्त, गायनी डॉक्टरों ने भी दिखाए तेवर

नितिन धीमान, अमृतसर

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जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में कार्यरत गायनी डॉक्टर्स को काम करना ही होगा। अस्पताल प्रशासन ने इन्हें कर्तव्यनिष्ठ बनाने के लिए ड्यूटी रोस्टर तैयार किया है। इसके मुताबिक गायनी डॉक्टर्स को मॉर्निंग, ईवनिग व नाइट ड्यूटी पर हर हाल में उपस्थित रहना पड़ेगा। अस्पताल प्रशासन ने चौबीस घंटे सात दिन का फॉर्मूला यहां लगाया है। दो गायनी डॉक्टर ओपीडी में रहेंगी, जबकि एक लेबर रूम में, दूसरी वॉर्ड में व तीसरी इमरजेंसी में। हालांकि गायनी डॉक्टर्स ने इस रोस्टर का विरोध किया है। उनका तर्क है कि इससे उन्होंने 18-18 घंटे काम करना पड़ेगा, जो मुनासिब नहीं।

दरअसल, पिछले सप्ताह सिविल अस्पताल में एक गर्भवती महिला व उसकी कोख में पल रहा शिशु दम तोड़ गए थे। अस्पताल की गायनी ओपीडी के बाहर यह महिला तड़पती रही और उसके स्वजन डॉक्टर से गुहार लगाते रहे कि उसका ट्रीटमेंट शुरू कर दें, पर डॉक्टरों ने उसकी तरफ एक नजर भी नहीं देखा। दैनिक जागरण ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित कर गायनी डॉक्टरों की लापरवाही उजागर की थी।

ड्यूटी रोस्टर से गायनी डॉक्टरों में मचा हड़कंप

गायनी डॉक्टर्स ने सिविल सर्जन को पत्र लिख साफ किया है कि यह ड्यूटी रोस्टर ही गलत बना है। जो गायनी डॉक्टर नाइट ड्यूटी कर रही है, उसे मॉर्निंग में भी ड्यूटी करनी होगी। इससे तो 18 घंटे लगातार काम करना पड़ेगा। 11 अगस्त को डॉ. हरजोत की मॉर्निंग व नाइट ड्यूटी लगाई गई। 12 अगस्त को डॉ. मीनाक्षी को मॉर्निंग व नाइट दोनों समय ड्यूटी देनी होगी। ड्यूटी रोस्टर में साप्ताहिक अवकाश का प्रावधान भी नहीं। राजपत्रित अवकाश भी दर्ज नहीं। गायनी डॉक्टरों का तर्क है कि इससे तो उनका व्यक्तिगत जीवन खत्म हो जाएगा। 18 घंटे काम करवाना श्रम कानून का उल्लंघन है। इस रोस्टर ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया है। ड्यूटी रोस्टर में बदलाव के लिए सिविल सर्जन को लिखा पत्र

गायनी डॉक्टरों के विरोध को देखते हुए सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. चरणजीत सिंह ने सिविल सर्जन कार्यालय में बात कर ड्यूटी रोस्टर में बदलाव करने को कहा है। डॉ. चरणजीत के अनुसार ड्यूटी रोस्टर बनाते वक्त कुछ त्रुटियां रह गईं। गायनी डॉक्टरों की बात काफी हद तक ठीक हैं 18 घंटे काम तो किसी से नहीं लिया जा सकता। मैंने सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत डॉ. कर्ण मेहरा से बात कर ड्यूटी रोस्टर बदलने को कहा है। इसके अनुसार मॉर्निंग व इमरजेंसी का स्टाफ अलग होगा। नाइट ड्यूटी अलग स्टाफ करेगा। डॉ. चरणजीत ने स्पष्ट किया कि जल्द ही नया ड्यूटी रोस्टर तैयार हो जाएगा, पर गायनी डॉक्टरों को मॉर्निंग, ईवनिग व नाइट में काम करना ही होगा।


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