नक्शों की मंजूरी के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू, थमेगा भ्रष्टाचार
भवन निर्माण के लिए नक्शों की मंजूरी को पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन सिस्टम से वर्षों से फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
रविदर शर्मा, अमृतसर : भवन निर्माण के लिए नक्शों की मंजूरी को पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन सिस्टम से वर्षों से फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। एक तरफ जहां लोगों को सरकारी बाबुओं (क्लर्को) और अधिकारियों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी, वहीं घर बैठे ही लोग अपनी फाइल संबंधी हर जानकारी जांच सकेंगे। छह अगस्त 2020 को शुरू हुई ऑनलाइन सेवा बाबत बहुत लोगों को जानकारी नहीं, लेकिन आने वाले समय में लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
गौर हो कि घर, दुकान या फैक्ट्री का निर्माण करने के लिए नगर निगम या ट्रस्ट की ओर से नक्शा पास करवाना बहुत जरूरी है। बिना नक्शे की मंजूरी के किसी भी तरह का निर्माण करवाना गैर-कानूनी है। इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि लोगों को अपने घर का नक्शा पास करवाने के लिए महीनों तक सबंधित विभाग के बाबुओं और अधिकारियों की हाजिरी भरनी पड़ती थी। कुछ लोग बाबुओं और अधिकारियों को खुश कर तो कुछ लोग राजनेताओं की सिफारिशों से काम करवाते।
एमसी के लाइसेंस्ड आर्किटेक्टों की होगी चांदी
भवन निर्माण के लिए नक्शों की मंजूरी लेना आसान काम नहीं। इसके लिए माहिर से नक्शा तैयार करवाने के बाद प्लानिग के आधार पर ही आवेदन किया जा सकता था। पहले कोई भी व्यक्ति किसी भी आर्किटेक्ट से नक्शा बना मंजूरी के लिए आवेदन कर सकता था। अब आम आर्किटेक्ट यह काम नहीं कर सकेगा। सिर्फ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एमसी) के लाइसेंस्ड आर्किटेक्ट ही यह काम कर सकेंगे।
पहले अपलोड नहीं थी बिल्डिग स्कीमें
मेन टाउन प्लानर इकबाल प्रीत सिंह ने बताया कि पहले भी ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते थे, लेकिन तब बिल्डिग निर्माण स्कीमें इसकी साइट पर अपलोड नहीं थीं। अब छह अगस्त 2020 से पूरी से नक्शों के लिए ऑनलाइन काम शुरूहो चुका है। पहले हर माह करीब 100 आवेदन आते थे, लेकिन नई प्रक्रिया शुरू होने पर इनकी सख्ती में वृद्धि होगी। इसके काम में पारदर्शिता होगी और कौन-कौन सी फाइल किस-किस अधिकारी या कर्मचारी की टेबल पर कितने दिन रही, सब ऑन रिकार्ड होगा। ------------
ऑफलाइन प्रक्रिया के दौरान फाइल या दस्तावेज किस अधिकारी का कर्मचारी के पास है का पता नहीं चल पाता था। अब ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने पर हर कर्मचारी और अधिकारी को समयबद्ध काम करना होगा। आवेदक ऑनलाइन देख सकेगा कि इस वक्त उसके नक्शे संबंधी फाइल या दस्तावेज किस कर्मचारी या अधिकारी के पास हैं। हर अधिकारी की जिम्मेवारी तय होगी।
-संदीप ऋषि, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम, अमृतसर।