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कोरोना काल में डेंगू मच्छर हुआ तैयार, सेहत विभाग ने किया वार

। कोरोना वायरस की आक्रामकता के बीच डेंगू मच्छर ने भी दबे पांव दस्तक दे डाली है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 11:22 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:13 AM (IST)
कोरोना काल में डेंगू मच्छर हुआ तैयार, सेहत विभाग ने किया वार
कोरोना काल में डेंगू मच्छर हुआ तैयार, सेहत विभाग ने किया वार

नितिन धीमान, अमृतसर

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कोरोना वायरस की आक्रामकता के बीच डेंगू मच्छर ने भी दबे पांव दस्तक दे डाली है। गुरु नगरी में आधा दर्जन क्षेत्रों में भारी मात्रा में डेंगू का लार्वा पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लार्वा नष्ट कर संबंधित लोगों पर चालान का चाबुक भी चलाया है।

दरअसल, कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई माह में 71 चालान काटे हैं। प्रत्येक चालान की एवज में 500 रुपये जुर्माना राशि वसूलने के लिए नगर निगम को लिखा गया है। डेंगू का लारवा बस स्टैंड, जहाजगढ़ मार्केट, पंजाब रोडवेज डिपो, सुल्तानविड इत्यादि क्षेत्रों में मिला है। वहीं विभाग की टीमों ने अंदरूनी शहर में घर-घर जाकर भी डेंगू मच्छर की तलाश की। कुछ घरों में कूलरों में लारवा पाया गया। लोग कूलरों की सफाई नहीं करते, इस वजह से यह मच्छर पैदा हो रहा था। अस्पतालों में टेस्टिंग शुरू नहीं करवा पाया स्वास्थ्य विभाग

डेंगू मच्छर को तो स्वास्थ्य विभाग ने ढूंढ लिया, पर अफसोसजनक पहलू यह है कि अमृतसर के सरकारी अस्पतालों में अभी तक डेंगू टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। कोरोना मरीजों को ढूंढ रहे स्वास्थ्य विभाग सिविल अस्पताल अमृतसर, मेडिकल कॉलेज व अजनाला सिविल अस्पताल में टेस्टिग की प्रक्रिया शुरू नहीं करवाया पाया। इसका दुष्परिणाम यह है कि इस सीजन में डेंगू का एक भी मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ, जबकि संदिग्ध बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या सैकड़ों में है। अजनाला सिविल अस्पताल को भी इस वर्ष डेंगू टेस्टिंग की अनुमति मिल चुकी है, पर यहां भी टेस्ट शुरू नहीं किए गए। जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कोरोना मरीजों के आंकड़े जुटाकर स्टेट को भेजने तक सीमित हैं। डेंगू सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। 2019 में हुई थीं 28 मौतें, स्टेट ने रिव्यू कर तीन घोषित कीं

डेंगू से पिछले वर्ष 28 मौतें हुई थीं, पर स्टेट द्वारा किए गए रिव्यू में तीन मौतों की पुष्टि की गई। पिछले वर्ष डेंगू ने अमृतसर में खूब उत्पात मचाया। कुल 1116 पॉजिटिव रिपोर्ट हुए थे। प्रतिदिन बीस से पच्चीस मरीज रिपोर्ट होते रहे। स्वास्थ्य विभाग इन्हें आइसोलेशन वॉर्डों में एडमिट करवाकर अपना कर्तव्य निभाता रहा। इस वर्ष जब स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम का सारा ध्यान कोरोना पर केंद्रित है तो निश्चित ही डेंगू मच्छर खुलकर उड़ान भरेगा। निश्चित ही पिछले वर्ष की तुलना में मरीजों और मृतकों का आंकड़ा भी अधिक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक आइसोलेशन वॉर्ड तक तैयार नहीं की गईं। यह हैं डेंगू की शरण स्थली

डेंगू मच्छर मुख्यत: अमृतसर के पंजाब रोडवेज, बस स्टैंड, जहाजगढ़, गुरुनानक देव अस्पताल, सिविल अस्पताल, रेलवे स्टेशन, नारी निकेतन व वॉल सिटी में लोगों के घरों में पनपता है। सरकारी विभाग जो लोगों को डेंगू से बचने की नसीहत देते हैं, वहां के अधिकारी अपने कर्मक्षेत्र की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं करवा पाते। कूलरों व गमलों में पानी जमा रहता है और मच्छर पैदा होता है। ''इसमें शक नहीं कि कोरोना की वजह से हमारी टीमें व्यस्त हैं। इसके बावजूद हम डेंगू पर भी नजर बनाए हैं। हमने सर्वे करवाकर लार्वा नष्ट किया है। जहाजगढ़, बस स्टैंड व रोडवेज डिपो में डेंगू का प्रकोप है। हम लोगों को डेंगू से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं। ''

- डॉ. नवदीप सिंह

सिविल सर्जन, अमृतसर


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