कोरोना से बचाव के लिए बने नियमों की उड़ रही धज्जियां
। एक तरफ जिला प्रशासन शहर में तेजी से बढ़ रहे कोविड के मरीजों को लेकर चिता में है तो दूसरी तरफ शहरवासियों के लिए डीसी के आदेश एक मजाक बन कर रह गए हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
एक तरफ जिला प्रशासन शहर में तेजी से बढ़ रहे कोविड के मरीजों को लेकर चिता में है, तो दूसरी तरफ शहरवासियों के लिए डीसी के आदेश एक मजाक बन कर रह गए हैं। एक तरफ डिप्टी कमिश्नर कोरोना वायरस से निपटने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोग बेखौफ होकर सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बाजारों में तेजी से बढ़ती भीड़ और मंडियों में बेखौफ लोगों का घूमना प्रशासन को चिता में डाले हुए है। समझदार और पढ़े लिखे लोग तो कोविड के खतरे को समझते हुए घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनते हैं और अकसर बाजारों में चलते समय शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखते हैं। मगर ज्यादातर लोग इसे महज एक औपचारिकता मानते हैं।
डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने 25 जुलाई को आदेश जारी कर ऑटो रिक्शा- दो पहिया वाहनों के संबंधी नियम जारी किए। जिसमें उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन पर सिर्फ चालक को ही इजाजत होगी। जबकि थ्री व्हीलर में दो सवारियां ले जाने की ही इजाजत रहेगी। इस दौरान चालक तथा सवारियों द्वारा मास्क पहनना अनिवार्य होगा। ऐसे नियम का उल्लंघन करने वालों से 500 रुपये जुर्माना वसूला जाने के भी उन्होंने आदेश जारी किए।
शहर के हालात यह हैं कि दोपहिया वाहन पर दो या तीन लोग जबकि थ्री व्हीलर में चार से पांच लोग बेखौफ सफर कर रहे हैं। इनमें से कई लोगों ने तो मास्क भी नहीं पहने होते। ड्राइवर थ्री व्हीलर में कितनी सवारियां लेकर जा रहा है, इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा।
एडीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि कोविड को हराने के लिए लोगों का सहयोग बहुत जरुरी है। लोगों को इसमें अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए ताकि पुलिस को सख्ती नहीं करनी पड़े। प्रशासन आदेश जारी करता है और पुलिस उन्हें लागू करवाती है। वहीं दूसरी तरफ एडीसी (पी) जगमोहन सिंह ने कहा कि अगर लोग अपील नहीं मानते तो पुलिस को सख्ती करनी पड़ेगी, जो वे अभी नहीं चाहते। लोगों को कोविड से बचाने के लिए अगर सख्ती भी करनी पड़ी तो करेंगे।