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शारीरिक दूरी का पालन करवाने को अमरजोत ने तैयार किया सॉफ्टवेयर

गुरु नगरी के डॉ. अमरजोत सिंह ने वायरस की महामारी से बचाने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है जोकि शारीरिक दूरी रखने में खासा मददगार साबित हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 06:13 AM (IST)
शारीरिक दूरी का पालन करवाने को अमरजोत ने तैयार किया सॉफ्टवेयर
शारीरिक दूरी का पालन करवाने को अमरजोत ने तैयार किया सॉफ्टवेयर

जागरण संवाददाता, अमृतसर : मिट्टी की खुशबू का ही असर है कि विदेश में बैठकर भी पंजाबी अपने देश की भलाई के लिए ही सोचते हैं। यही वजह है कि अमेरिका में रहते हुए गुरु नगरी के डॉ. अमरजोत सिंह ने अपने लोगों को कोरोना वायरस की महामारी से बचाने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जोकि शारीरिक दूरी रखने में खासा मददगार साबित हो सकता है। अमेरिका से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए डॉ. अमरजोत सिंह ने बताया कि विश्व भर में फैले कोविड-19 से अपने लोगों को बचाने के लिए उन्होंने भारत में अपने पिता सुखबीर सिंह और भाई परमजोत सिंह के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस आर्टिफिशियल सर्विलेंस सिस्टम के जरिए ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम स्थापित कर करीब पांच किलोमीटर इलाके तक लोगों पर नजर रखी जा सकती है, जिससे शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लघंन करने वालों का पता चल सकता है।

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इसमें इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यदि कोई शारीरिक दूरी की अवहेलना करता है, तो तुरंत कंट्रोल रूम में लगे कैमरों में उक्त व्यक्ति के चारों तरफ लाल घेरा दिखाई देगा। वहीं, शारीरिक दूरी का पालन करने वाले व्यक्ति के चारों तरफ हरा घेरा बन जाएगा। शारीरिक दूरी को लेकर सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक इस सिस्टम को सेट किया जा सकता है। इसके जरिये पुलिस एक ही स्थान पर बैठकर कई लोगों पर नजर रख सकती है।

चप्पे-चप्पे पर रखी जा सकती है नजर

आंध्रा प्रदेश से इलेक्ट्रिकल में बी-टेक की डिग्री हासिल करने वाले डॉ. अमरजोत सिंह ने कनाडा की सिमोर फ्रेसर यूनिवर्सिटी से एमएस व यूनाइटेड किगडम (यूके) की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी के विषय पर पीएचडी की डिग्री हासिल की है। वर्तमान में वह अमेरिका की सेंट फ्रांसिस्को की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्ट्रेट कर रहे हैं। देश ही सरहदों पर आतंकवादियों की घुसपैठ पर मुकम्मल रोक लगाने की विधि के बारे में पूछने पर उनका कहना है कि भारत सर्विलेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता है, जो बहुत महंगा है। जबकि ड्रोन आधारित लांगरेंज सिस्टम इसके मुकाबले किफायती पड़ता है, जिसकी मदद से एक-डेढ़ किलोमीटर के इलाके के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकती है। डॉ. अमरजोत सिंह का कहना है वह यह सिस्टम देश व सूबे की सरकार के लिए बिल्कुल मुफ्त में तैयार करके देने की पेशकश करते हैं, ताकि उनके देश को इसके लाभ मिल सके।


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