श्रीमदभागवत गीता में सभी दुखों के उपाय : महंत सागरमुनि
आज का मनुष्य यदि दुखों से जूझ रहा है तो उसका मौलिक कारण यही है कि मनुष्य अध्यात्म को छोड़ कर भौतिकवाद की तरफ बढ़ रहा है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : भारतीय संस्कृत ग्रंथों का महत्व अलौकिक है। आज का मनुष्य यदि दुखों से जूझ रहा है तो उसका मौलिक कारण यही है कि मनुष्य अध्यात्म को छोड़ कर भौतिकवाद की तरफ बढ़ रहा है। मंदिर जय श्री कृष्णा अमृतसर के संचालक महंत सागर मुनि शास्त्री ने अपने पीएचडी के अध्ययन क्रम के संशोधन में इस तथ्य को प्राप्त किया है।
श्री गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में शोध करते हुए मंदिर संचालक महंत सागर मुनि शास्त्री ने बताया कि आज के मानव के सभी दुखों को नाश करने का श्रीमदभागवत गीता का अध्ययन किया जाना चाहिए। श्रीमद भागवत गीता में जीवात्मा के आध्यात्मिक, भौतिक और आदि दैविक ताप को नष्ट करने का सरल उपाय बताया गया है। महंत सागर मुनि शास्त्री ने कोरोना काल में सभी देशवासियों से आग्रह किया कि प्रत्येक व्यक्ति रोज श्री गीता के एक अध्याय का पाठ करे। इस क्रिया से कोरोना की नकारात्मक शक्ति को शीघ्र समाप्त किया जा सकता है। गीता तत्वों को भी संयम, आहार पर नियंत्रित करना है। इस अवसर पर डॉ. राकेश महाजन, सुदेश शर्मा, रजत महाजन आदि मौजूद थे।