करोड़ों कमाने वाले निजी स्कूल स्टाफ को नहीं दे रहे वेतन : बब्बी
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से देश की आर्थिक हालत बिगड़ गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से देश की आर्थिक हालत बिगड़ गई है, लेकिन निजी स्कूलों के मालिक अभी भी मनमानी पर उतारू हैं। बच्चों के अभिभावकों से फीस का दबाव बनाया जा रहा है, वहीं स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को वेतन नहीं दिया जा रही है। लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरनजीत सिंह बैंस व माझा के प्रधान अमरीक सिंह वरपाल की ओर से ऐसे स्कूलों के खिलाफ मुहिम चलाई गई है। यह विचार लोक इंसाफ पार्टी के जिला प्रधान मनदीप सिंह बब्बी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि एडमीशन फीस के नाम पर निजी स्कूलों की बैलेंस शीट चेक करवाई जाए तो साफ होगा कि इन्होंने किस तरह अभिभावकों का शोषण किया है। निजी स्कूल संचालक बेवजह ही रो रहे हैं। इसमें सरकार का कसूर भी ज्यादा है। डिप्टी कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारी निजी स्कूलों में जाकर रेड क्यों नहीं करते। क्या ये अधिकारी सिर्फ कुर्सी पर बैठने तक ही सीमित हैं? लोक इंसाफ पार्टी सरकार से मांग करती है कि इन स्कूल प्रबंधकों पर शिकंजा कसा जाए। इस अवसर पर जगजोत सिंह खालसा, प्रकाश सिंह महासचिव माझा जोन, सर्बजीत सिंह हैरी यूथ के जिला प्रधान, नरिंदर सिंह विर्क, मनजीत सिंह फौजी उपस्थित थे।