मशीनों से धान की सीधी बिजाई के लिए किसान गंभीर
। धान की बिजाई एक जून से शुरू हो रही है। राज्य सरकार ने किसानों को बेशक 10 जून के बाद धान की रोपाई करने की हिदायतें दी हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
धान की बिजाई एक जून से शुरू हो रही है। राज्य सरकार ने किसानों को बेशक 10 जून के बाद धान की रोपाई करने की हिदायतें दी हैं। परंतु श्रमिकों की कमी को मुख्य रखते हुए किसान एक जून से ही धान की रोपाई का फैसला ले चुके हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते अधिकांश मजदूर अपने-अपने गृह राज्यों को वापस चले गए हैं। जिस कारण किसानों के समक्ष धान की बिजाई समय पर करना सबसे बड़ी मुश्किल बनी हुई है। लेबर की कमी को मुख्य रख इस बार कृषि विभाग की ओर से भी किसानों को खेतों में बिना पानी भरे धान की सीधी खेती मशीनों से करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे जहां लेबर की कमी की मुश्किल हल हो जाएगी वहीं खेतों में पानी का उपयोग भी कम होगा।
धान की सीधी बिजाई के लिए कृषि विभाग ने मशीनें भी सब्सिडी पर देने का एलान किया था। 10 मई तक विभाग की ओर से किसानों को सब्सिडी पर मशीनों हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र देने के लिए कहा गया था। किसानों ने निजी तौर पर और किसान ग्रुपों व कोआपरेटिव सोसायटियों के माध्यम से 210 के करीब प्रार्थना पत्र दिए। पिछले पांच- छह वर्षों से किसानों को मशीनों के माध्यम से सीधे धान की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गत वर्ष भी 90 के करीब किसानों ने मशीनरी सब्सिडी के लिए प्रार्थना पत्र दिए थे।
कृषि विभाग की ओर से महिला किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी मशीनरी पर दी जा रही है। जबकि अन्य किसानों के लिए यह 40 प्रतिशत सब्सिडी है। जिले में एक लाख 80 हजार हैक्टेयर भूमि पर धान की फसल की बिजाई की जा रही है। जिस में 50 प्रतिशत से अधिक बिजाई मशीनों के माध्यम से करवाई जा रही है। कोविड-19 के चलते मशीनरी बनाने के लिए कच्चा सामान और स्पेयर पार्ट न मिलने के कारण कृषि विभाग ने गेहूं की बिजाई करने वाली मशीनों में कुछ संशोधन करके उनका उपयोग भी धान की बिजाई के लिए करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया है।
रेतीली भूमि पर मशीनों से बिजाई करने से रोका जा रहा
जिला कृषि मशीनरी तकनीकी अधिकारी रणबीर सिंह रंधावा कहते हैं कि किसान मशीनों से सीधी धान की बिजाई के प्रति काफी गंभीर हैं। विभाग की ओर से रेतीली जमीन पर किसानों को मशीनों से धान की बिजाई करने से रोका जा रहा है। ताकि कहीं उनका उत्पादन कम न हो। सामान्य भूमि पर मशीनों से बिजाई करने से उत्पादन दो से तीन क्विंटल अधिक फसल हो जाती है।