'बाकी इतिहास' नाटक से बया की मनुष्य की हालत
न। ूतन प्रयास मंच जम्मू की तरफ से शहर में चल रहे नौ दिवसीय नूतन इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के तीसरे दिन हिदी नाटक बाकी इतिहास का मंचन किया गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
नूतन प्रयास मंच जम्मू की तरफ से शहर में चल रहे नौ दिवसीय नूतन इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के तीसरे दिन हिदी नाटक 'बाकी इतिहास' का मंचन किया गया।
दून घाटी रंगमंच, उत्तराखंड की टीम की ओर से पेश किए इस नाटक को बृजेश नारायण द्वारा निर्देशित किया गया। इस नाटक को दर्शकों ने खूब सराहा। नाटक की कहानी आदमी व मनुष्य जाति की एक खूबसूरत कहानी है जिसमें बताया गया है कि मनुष्य किस तरह से अपनी जिदगी को अर्थ देने की कोशिश में बाकी मनुष्य जाति पर जुल्म करता है।
नाटक में बताया गया है कि 40 साल का एक साधारण मध्यवर्गीय व्यक्ति सीतानाथ आत्महत्या करता है। जबकि एक अन्य मध्य वर्गीय दंपती शार्द एक कॉलेज की लेक्चरर व एक लेखक वसंती, सीतानाथ की आत्महत्या के कारणों पर विचार करते हैं। दोनों ही अपनी कल्पनाओं से बाहर कहानी लिखते हैं और अंत में सीतानाथ का भूत शार्द के कारण की व्याख्या करता है। वो अपने ही जीवन की कहानी सुनाता है, जिससे शार्द अपनी जिदगी का संबंध सीतानाथ के साथ इतना ज्यादा जोड़ता है कि आखिकार वह सीतानाथ को अपने नाम शार्द के साथ संबोधित करता है। इन्होंने निभाई भूमिका
नाटक के पात्रों में आदेश नारायण, शिवम ममगाई, अनुज कुमार, सुरमई श्रीवास्तव, रंजीव गुरुंग, मोहित कुमार, अवदेश नारायण, सुभाष धीमान व बृजेश नारायण आदि ने अपनी दमदार भूमिका निभाई।