बीआरटीएस प्रोजेक्ट : अनियमितताओं के साथ घूमते बस के पहिए
बीआरटीएस बस निरंतर फर्राटा भर रही है। अनियमितता के ट्रैक पर दौड़ रही इस बस सेवा में 13 माह बाद भी अपेक्षाकृत सुधार नहीं हो पाया।
नितिन धीमान, अमृतसर : बीआरटीएस बस निरंतर फर्राटा भर रही है। अनियमितता के ट्रैक पर दौड़ रही इस बस सेवा में 13 माह बाद भी अपेक्षाकृत सुधार नहीं हो पाया। दर्जन भर अनियमितताएं हैं जो इस बस सेवा को न तो रेवेन्यू प्राप्त करने दे रही हैं और न ही मुसाफिरों को पर्याप्त सुविधाएं। बस, ये बस अपनी धुन में दौड़ रही है।
दरअसल, शहरवासियों एवं देश विदेश से आए पर्यटकों की राह सुगम बनाने के लिए वर्ष 2016 में बस रेपिड ट्रांजिस्ट सर्विस की शुरूआत की गई थी, पर 2018 में इसे बंद कर दिया गया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के इस बस सेवा को पुन: शुरू किया गया और शहर के विभिन्न रूटों पर 93 एसी बसें चलवाई गईं।
-2019 में बस सेवा की शुरूआत के साथ जो प्लान तैयार किया गया था उसमें बीआरटीएस के साथ सिटी बस सर्विस को कनेक्टिंग करने की बात दर्ज थी। मसलन, जहां-जहां बीआरटीएस बस सर्विस लोगों को पहुंचाती है, उससे आगे का सफर तय करने के लिए सिटी बस कनेक्ट रहेगी। उदाहरण के तौर पर सदर थाना तक बीआरटीएस चलती है। सदर थाने से आगे एयरपोर्ट तक जाने के लिए सिटी बस का प्रस्ताव था। अफसोस, सिटी बसें नहीं चलाई गईं। परिणामस्वरूप 60 सिटी बसें कंडम हो रही हैं।
- जनवरी 2019 में बीआरटीएस का एक स्टॉपेज सिविल अस्पताल के समीप बनाया गया। 12 माह बीत जाने के बाद भी यह स्टॉपेज शुरू नहीं किया गया। यदि यह स्टॉपेज खुल जाए तो पुराने शहर का आधे से ज्यादा भीड़ कम हो सकती है।
— बीआरटीएस बस के किसी स्टॉपेज पर पेयजल की आपूर्ति नहीं। इससे बस का इंतजार करने वाले लोगों को काफी असुविधा होती है। गर्मी में परेशानी और बढ़ेगी।
— वेरका से छेहरटा तक चलने वाली 301 नंबर बस कचहरी से निकलकर रेलवे स्टेशन तक आती है। यहां वाहनों का जाम लगा रहता है। बस काफी देर जाम में फंसी रहती है। इसका हल है कि बस को केनाल ऑफिस से ही छेहरटा की ओर मोड़ दिया जाए।
— अल्फा मॉल के निकट बीआरटीएस बस के आगे वाहन भी चलते हैं। इसका समाधान है कि बस में कैमरे इंस्टाल हैं। एक कैमरा डैशबोर्ड पर लगाया जाए, ताकि जो प्राइवेट वाहन बस के आगे आए, उसका स्वत: चालान कट जाए। बॉक्स: सामाजिक कार्यकर्ता नरेश जौहर का कहना है कि सबसे जरूरी रेवेन्यू जेनरेट करना है। बस कॉरिडोर पर विज्ञापन लगाकर यह कमी पूरी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त बस में एमएफ रेडियो लगाकर भी रेवेन्यू जेनरेट किया जा सकता है। जो एमएफ रेडियो स्टेशन अधिक राशि में कांट्रेक्ट करता है उससे अनुबंध किया जा सकता है। इससे लोगों का मनोरंजन भी तो होगा। बाक्स: विधायक सुनील दत्ती ने विधानसभा में बीआरटीएस बस सर्विस की टिकट पांच रुपये से अधिक नहीं होने की बात कही है। जब यह बस सर्विस फ्री थी तब इसमें अस्सी हजार मुसाफिर प्रतिदिन सफर करते थे। टिकट लगने के बाद अब बीस से पच्चीस हजार रह गए हैं। नरेश जौहर के अनुसार मैं मैलबोर्न गया था। वहां लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस बिल्कुल फ्री है। इतने अमीर देश में लोगों की सुविधा के लिए फ्री सुविधा है। अमृतसर में टिकट बढ़ाने की बजाय इसे पांच से दस रुपये तक ही रखना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक नियम दरकिनार
अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक नियमों के अनुसार सबसे पहले एंबुलेंस को रास्ता दिया जाता है। इसके बाद फायर ब्रिगेड व पुलिस की गाड़ी तथा फिर लोकल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को। दूसरी तरफ अमृतसर में हालात यह हैं कि ट्रैफिक पुलिस वाले पहले निजी वाहनों को निकालते हैं, फिर पब्लिक ट्रांसपोर्टर को। एंबुलेंस भी फंसी रहती है। यहां नियमों का पालन ही नहीं करवाया जा रहा। 401 नंबर बस हो जाती है बेबस
बीआरटीएस की 401 नंबर बस गोल्डन गेट से चलकर छेहरटा तक जाती है। बस स्टैंड के समीप एलिवेटिड रोड के नीचे से गुजरते वक्त थ्री व्हीलरों के जाम में यह फंसी रहती है। यहां ट्रैफिक पुलिस भी है, पर कुछ नहीं करती। जीटी रोड पर बस के लिए कॉरिडोर है तो फिर बस स्टैंड पर भी बनाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त पूरे शहर में बस कॉरिडोर में पानी की निकासी का प्रबंध नहीं। बरसात के दौरान बस चलती है तो पानी उछलकर सड़क पर आ जाता है। वाहन चालक भीग जाते हैं।