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मरीजों का मर्ज मिटाने वाली जन औषधि हुई बीमार

पंजाब में सबसे पहले खोला गया जान औषधि केंद्र आजकल खुद बीमार है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 11:47 PM (IST)
मरीजों का मर्ज मिटाने वाली जन औषधि हुई बीमार
मरीजों का मर्ज मिटाने वाली जन औषधि हुई बीमार

नितिन धीमान, अमृतसर : पंजाब में सबसे पहले खोला गया जान औषधि केंद्र आजकल खुद बीमार है। कारण, यहां दवाओं की भारी किल्लत है। सरकार ने यहां करीब 600 प्रकार की दवाएं मंजूर कर रखी हैं, लेकिन हालात ये हैं कि सिर्फ 60 प्रकार की दवाएं ही बची हैं। दरअसल, दवा सप्लाई करने वाली लुधियाना की कंपनी ने करोड़ों रुपये बकाया राशि न मिलने के कारण पूरे पंजाब के जनऔषधि केंद्रों में सप्लाई बंद कर दी है। अमृतसर के जन औषधि केंद्र पर भी करीब साढ़े पांच लाख रुपये बकाया हैं। दवा न मिलने के कारण मरीज परेशान हैं। रोजाना बिना दवा लिए लौटना पड़ रहा है। वर्ष 2008 में खुला था जन औषधि केंद्र

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वर्ष 2008 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने अमृतसर के सिविल अस्पताल में जन औषधि केंद्र का निर्माण करवाया था। यहां सर्जरी, मेडिसनल, पीडिएट्रिक, आई, हार्ट, शुगर, ब्लड प्रेशर, गायनी सहित अनेक बीमारियों के उपचार में प्रयुक्त होने वाली दवाएं काफी कम दाम पर मिलती हैं। केंद्र की स्थापना से लेकर पिछले माह तक दवाओं की सप्लाई निरंतर रही, लेकिन वर्तमान में 60 प्रकार की दवाएं ही बची हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों को जेनेरिक दवाएं नहीं मिल रही। उन्हें निजी मेडिकल स्टोर पर जाकर महंगी एलोपैथिक दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने वाली दवा भी आउट ऑफ स्टॉक

केंद्र व पंजाब सरकार मरीजों को जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करवाने के लाख दावे कर रही है। जन औषधि केंद्र में वर्तमान में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली साधारण-सी एमलोंग दवा भी नहीं है। वास्तविक स्थिति यह है कि फरवरी महीने के प्रारंभ में महज 25000 की दवा जन औषधि केंद्र में भेजी गई थी। यह दवा भी कई बार निजी कंपनी से पत्राचार करने के बाद मिली। निजी दवा कंपनी का तर्क है कि जब तक बकाया राशि का भुगतान नहीं हो जाता, हम दवा की सप्लाई देने में असमर्थ हैं। प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में फंसा है भुगतान

जन औषधि केंद्र से जिले के तकरीबन सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति की जाती है। गुरु नानक देव अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल सहित जिले के प्राइमरी हेल्थ सेंटर व कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में भी यहीं से दवाई जाती हैं। दवाओं की एवज में जन औषधि द्वारा निर्धारित समय पर बिल भी भेजे जाते हैं, लेकिन जिले के प्राइमरी हेल्थ सेंटर पेमेंट नहीं कर रहे। यही वजह है कि जन औषधि केंद्र द्वारा निजी दवा कंपनी को भुगतान करने में देरी हो रही है। जल्द पहुंचेगा दवा का स्टॉक : सीएस

सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल का कहना है कि जनऔषधि का संचालन रेडक्रॉस द्वारा किया जाता है। सिविल अस्पताल में जन औषधि केंद्र के साथ-साथ डिस्पेंसरी भी है, जहां मरीजों को दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि जन औषधि केंद्र में भी जल्द से जल्द दवाओं का स्टॉक उपलब्ध हो।


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