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रंग लाई 12 साल की रिसर्च, Breast cancer को मात देने वाली दवा तैयार

GNDU के Emerging Life Science Department ने 12 साल की रिसर्च के बाद Breast cancer को मात देने वाली दवा तैयार की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 11:26 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:22 AM (IST)
रंग लाई 12 साल की रिसर्च, Breast cancer को मात देने वाली दवा तैयार
रंग लाई 12 साल की रिसर्च, Breast cancer को मात देने वाली दवा तैयार

अमृतसर [हरीश शर्मा]। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (GNDU) के Emerging Life Science Department ने 12 साल की रिसर्च के बाद Breast cancer को मात देने वाली दवा तैयार की है। इसका चूहों पर प्रयोग सफल रहा है। अब दो तरह का कंपाउंड (दवा तैयार करने का मटीरियल व फाॅर्मूला) अमेरिका के National Institute of Cancer को भेजा गया है। American Institute ने इस पर मोहर लगा दी है और अब इसका मानव शरीर पर परीक्षण करने के लिए रिसर्च शुरू कर दी है।

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GNDU के Emerging Life Science Department के इंचार्ज प्रो. पलविंदर सिंह ने बताया कि GNDU में यह रिसर्च 2006 में शुरू हुई थी। करीब पांच साल तक Breast cancer से पीड़ित अलग-अलग महिलाओं के केस स्टडी किए गए और उनमें कैंसर के कारणों का डाटा इकट्ठा किया। फिर चूहों में उसी तरह की बीमारी के ट्यूमर तैयार कर प्रयोग शुरू किए। सैकड़ों बार असफलता हाथ लगी।

2018 में करीब 12 साल की मेहनत रंग लाई और दो तरह की दवाई तैयार की। इसका चूहों पर परीक्षण किया। परिणाम अच्छा आया और चूहों से बीमारी खत्म होने लगी। फिर American Institute को दवाई तैयार करने का मटीरियल और फाॅर्मूला भेजा गया। अब American Institute ने भी इस पर मोहर लगा दी है और अब दवाई का मानव शरीर पर टेस्ट करने के लिए रिसर्च कर रहा है, ताकि कैंसर को खत्म किया जा सके।

..तो भारत होगा पहला देश

American Institute के डॉक्टरों ने कंपाउंड पर अगली रिसर्च शुरू कर दी है। इंस्टीट्यूट अपनी रिपोर्ट GNDU के साथ साझा करेगा। अगर मनुष्य पर भी टेस्ट सफल रहा तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा, जिसने Breast cancer की दवाई की सबसे पहले खोज की।

GNDU ने दोनों कंपाउंड पेटेंट के लिए भेजे

GNDU की टीम ने लंबी रिसर्च के बाद यह कंपाउंड तैयार किया है, इसलिए इसका पेटेंट करवाया जा रहा है। कंपाउंड पेटेंट के लिए भेजे गए हैं। इससे कोई दूसरा देश या इंस्टीट्यूट इस पर अपना दावा नहीं कर सकेगा।

पांच-पांच चूहों के कई ग्रुप बनाकर किया प्रयोग

प्रो. पलविंदर सिंह ने बताया कि मानव शरीर में प्रोटीन की मात्र कम होने या बढ़ने से कई ऐसे स्टेज हैं, जिससे Breast cancer का जीवाणु पैदा होने लगता है। उन सभी कारणों को लेकर मटीरियल तैयार किया गया था। बाद में पांच-पांच चूहों के कई ग्रुप बनाकर प्रयोग शुरू किए। इसमें धीरे-धीरे सफलता मिलती गई।

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