हरतेज अस्पताल के समीप गाय से टकराया एक्टिवा सवार, जख्मी
। नगर निगम प्रशासन शहर में घूम रही बेसहारा गायों को संरक्षण नहीं दे रहा। रविवार रात रंजीत एवेन्यू स्थित हरतेज अस्पताल के पीछे एक एक्टिवा सवार युवक सड़क से गुजर रही गाय से टकरा गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
नगर निगम प्रशासन शहर में घूम रही बेसहारा गायों को संरक्षण नहीं दे रहा। रविवार रात रंजीत एवेन्यू स्थित हरतेज अस्पताल के पीछे एक एक्टिवा सवार युवक सड़क से गुजर रही गाय से टकरा गया। यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक हवा में उछलता हुआ सड़क पर जा गिरा और उसकी बाजू, पैर और घुटनों पर चोटें आईं। गाय का भी दायां पैर टूट कर लटक गया। युवक की एक्टिवा टूट गई। युवक का नाम रमिदर सिंह है और वह रामनगर कॉलोनी इस्लामाबाद का रहने वाला है। 38 वर्षीय रमिदर सिंह को गहरी चोट लगी है। उसके सिर पर गहरे घाव हैं, जिस पर पांच टांके लगाए गए हैं। इसके अलावा छाती के बल पर सड़क पर गिरने से उसकी पसलियां भी टूटी हैं।
घटना की जानकारी मिलने पर एंटी क्राइम एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के सदस्य यहां पहुंचे। घायल युवक को फौरन अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इसके बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रोहण मेहरा ने जख्मी गाय की मरहम-पट्टी की। डॉ. रोहण ने बताया कि जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां स्ट्रीट लाइट नहीं थी। सघन अंधेरा होने की वजह से युवक गाय को देख नहीं पाया और यह दर्दनाक हादसा हुआ।
डॉ. रोहण ने कहा कि डेयरी मालिक रात के समय गायों को सड़क पर छोड़ देते हैं और सुबह शाम उनका दूध दोहकर बेचते हैं। इसके अलावा असंख्य बेसहारा गायें भी हैं जो रात को चारे की तलाश में इधर उधर भटकती हैं। ये गायें सड़क पर कूड़ा कर्कट और गंदगी खाती रहती हैं। दूसरी तरफ नगर निगम प्रशासन गायों को संरक्षित करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रहा। हमने प्रशासन ने कई बार अपील की है कि इन डेयरी वालों पर सख्त कार्रवाई करे, पर कुछ नहीं हुआ।
डॉ. रोहण के अनुसार रात को हम गाय की मरहम पट्टी करने के बाद हम उसे सड़क के किनारे छोड़ आए। सोमवार सुबह जब हम गाय को गौशाला पहुंचाने के लिए वहां गए तो गाय गायब थी। हो सकता है कि डेयरी मालिक उसे वापस ले गया हो। ऐसे डेयरी मालिकों के खिलाफ एफआइआर होनी चाहिए। इस अवसर पर अजय शिगारी, अक्षय कुमार गौरव, राधा गिल, सूरज, सुतीखन आदि मौजूद थे।
सच तो यह है कि नगर निगम प्रशासन बेसहारा गायों को संरक्षण देना ही नहीं चाहता। शहर के हर चौक चौराहे, सड़क पर बेसहारा गायें देखी जा सकती हैं। ये हादसे का कारण भी बन रही हैं और खुद भी बेबसी भरी जिदगी जीने को विवश हैं। सरकार डेयरी मालिकों की गायों की टैगिग करवा, ताकि यह पता चल सके कि रात के समय कौन डेयरी मालिक गायों को बाहर छोड़ देता है। छेहरटा में गोशाला बनेगी : डिप्टी मेयर
सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी ने कहा कि बेसहारा गायों के संरक्षण के लिए निगम प्रयासरत है। हमने छेहरटा के नजदीक गोशाला के लिए जगह उपलब्ध करवाई है। जल्द ही यहां गायों को शिफ्ट किया जाएगा।