पति को पत्नी, भाई को बहन देगी किडनी
। महिलाओं के त्याग एवं समर्पण की कहानियां अक्सर सुनने को मिल जाती हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
महिलाओं के त्याग एवं समर्पण की कहानियां अक्सर सुनने को मिल जाती हैं। किडनी प्रत्यारोपण कमेटी के समक्ष ऐसी कई कहानियां सुनने को मिलती हैं, जिससे यह साबित होता है कि वाकई महिलाएं त्याग की प्रतिमूर्ति हैं।
मंगलवार को गुरु नानक देव अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण कमेटी की बैठक में ऐसी ही मिसाल पैदा हुई। किडनी फैल्योर का शिकार दो लोगों को उनके परिवार की महिलाओं ने ही बचाने के लिए अपनी किडनी देने की पेशकश की।
गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गुरप्रीत सिंह निवासी डेरा बाबा नानक तथा अजनाला निवासी राजिदर एवं उनका परिवार प्रस्तुत हुआ। गुरप्रीत व राजिदर दोनों की किडनियां खराब हो चुकी हैं। दोनों डायलिसिस करवाकर अपनी जिदगी सहेजने की कोशिश कर रहे थे, पर अब डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट का विकल्प उन्हें दिया। गुरप्रीत को किडनी देने के लिए उसकी बड़ी बहन परमजीत कौर आगे आईं। इसी तरह राजिदर को किडनी देने के लिए उनकी पत्नी नीलम ने प्रस्ताव रखा। इन दोनों मरीजों के सभी रिश्तेदारों ने अपनी किडनी देने से इंकार कर दिया था। अंतत: ये दोनों महिलाएं अपनों को बचाने के लिए अपनी किडनी देने को सहर्ष राजी हो गईं। किडनी कमेटी ने दस्तावेजों की जांच के बाद दोनों को किडनी प्रत्यारोपण की अनुमति प्रदान कर दी। कमेटी का फैसला आने के बाद दोनों परिवार खुशी खुशी वहां से चले गए।
डॉ. जगदेव सिंह कुलार ने कहा कि किडनी देने के लिए महिलाएं ही हमेशा आगे रहती हैं। इससे यह जाहिर होता है कि महिलाएं त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। अपनों के लिए अपनी जिदगी दांव पर लगा देती हैं। इस अवसर पर पीपीएस अधिकारी सुशील कुमार, डॉ. रमेश आदि उपस्थित थे।