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शव दफनाने को लेकर गांववासी व ईसाई भाईचारा आमने-सामने

भराड़ीवाल में नगर निगम की ओर से इसाई भाईचारे को कब्रिस्तान के लिए दी गई जगह पर शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:47 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:29 AM (IST)
शव दफनाने को लेकर गांववासी व ईसाई भाईचारा आमने-सामने
शव दफनाने को लेकर गांववासी व ईसाई भाईचारा आमने-सामने

अमनदीप सिंह, अमृतसर : झब्बाल रोड स्थित गांव भराड़ीवाल में नगर निगम की ओर से इसाई भाईचारे को कब्रिस्तान के लिए दी गई जगह पर शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया। भाईचारे के लोग दोपहर साढ़े बारह बजे शव दफन करने पहुंचे थे, पर क्षेत्रवासियों ने इसका जमकर विरोध किया। हालात तनावपूर्ण होते देखकर डिप्टी मेयर युनस कुमार और एसीपी सुखपाल सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पूरा दिन चले विवाद के बाद शाम साढ़े चार बजे शव इसी जगह पर एक कोने में दफनाकर मामला शांत किया गया।

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भराड़ीवाल निवासी बलविदर सिंह चोदर, मोहनदीप सिंह, दारा सिंह, अजीत सिंह, ईरानमीत सिंह आदि ने बताया कि उनके गांव में इस जगह पर किसी समय छप्पड़ था। गांववासियों ने सफाई करके यहां पर बच्चों के खेलने के लिए स्टेडियम बनाया। पक्के तौर पर स्टेडियम के लिए उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में केस लगाया हुआ है। फैसला आने तक वह इस जगह पर कब्रिस्तान नहीं बनने देंगे। चुनाव के समय उनसे वादा किया गया था कि इस जगह हमें स्टेडियम बनाकर दिया जाएगा। अब उनके साथ धक्का किया जा रहा है।

लोग बोले-गांव के बाहर पड़ी चार किल्ले जमीन पर बनाओ कब्रिस्तान

गांववासियों ने कहा कि गांव के बाहर सड़क पार चार किल्ले जमीन और पड़ती है, जहां कब्रिस्तान बनाया जा सकता है। वह अपने गांव की जगह पर कब्रिस्तान नहीं बनने देंगे। मौके पर पहौंचे डिप्टी मेयर युनूस कुमार ने उन्हें समझाया कि सरकार ने सभी जगह देखने के बाद यह जगह कब्रिस्तान के लिए अलॉट की है। आठ कनाल 18 मरले जगह निगम सदन द्वारा पास करने के बाद खेतीबाड़ी विभाग ने इसे कब्रिस्तान की एनओसी दी है। उसके बाद यह प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में भी पास हुआ है। आज आप लोग शव की बेअदबी कर रहे हैं। शव को दफनाने दें। जिस घर का परिजन मरा है, सोचिए उस पर क्या बीत रही होगी।

गांव में अलग से चार किल्ले में 50 लाख ख्रर्च कर बनेगा स्टेडियम : डिप्टी मेयर

डिप्टी मेयर युनुस कुमार ने लोगों को समझाया कि कब्रिस्तान का मेन गेट गांव के बाहर की ओर कर दिया जाएगा। इसके बदले कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी ने गांव के दूसरी ओर की चार किल्ले जगह व पचास लाख रुपये स्टेडियम के लिए देने की बात कही है। दूसरी तरफ गांववासियों ने कहा कि अगर आज शव को दबा भी देते हैं, तो कल को गांववासियों को स्टे मिल गया, तो मसीह भाईचारे को तब भी मुश्किल होगी।

पहले किलो गोबिदगढ़ में दफन होते थे शव

मसीह भाईचारा कई दशकों से पारिवारिक सदस्यों के शव किला गोबिदगढ़ में दफनाता आया है। तकरीबन दो साल पहले वहां पर शव दफनाने की मनाही हो गई थी। वर्ष 2011 में मसीह भाईचारे ने सरकार को दरखास्त दी गई थी, कि उन्हें शव दफनाने के लिए जगह अलॉट की जाए। 2018 में जगह अलॉट हुई। मेयर करमजीत सिंह रिटू, निगम कमिश्नर सोनाली गिरी व मंत्री ओपी सोनी के भतीजे व पार्षद विकास सोनी ने उन्हें इसकी लेटर दी थी।

गांव वालों को इसी महीने लेना होगा स्टे, नहीं तो बनेगा कब्रिस्तान : एसीपी

मसीह भाईचारे को कब्रिस्तान के लिए गांव भराड़ीवाल में जमीन अलॉट हुई है। गांववासियों को कहना है कि यह जगह स्टेडियम की है। केस हाईकोर्ट में है, जो भी कोर्ट के आदेश होंगे, उस मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। अगर इस महीने स्टे गांववासियों को मिल जाता है, तो मसीह भाईचारे के लोग कहीं ओर जगह देख लेंगे। अगर स्टे नहीं मिलता तो फिर भाईचारे के शव यहां दफनाए जाएंगे। जुलाई तक कोई भी शव मसीही भाईचारा यहां नहीं लेकर आएगा। दोनों गुटों में रजामंदी हो गई है।

-सुखपाल सिंह, एसीपी सेंट्रल


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