Kartarpur Corridor पर बैठक से पहले पाक ने की कार्रवाई, खालिस्तान समर्थक चावला की PSGPC से छुट्टी
पाकिस्तान सरकार के फरमान पर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला की छुट्टी कर दी है।
जेएनएन, अमृतसर। Kartarpur Corridor पर अटारी में भारत-पाकिस्तान की होने वाली उच्च स्तरीय बैठक से एक दिन पहले पाक सरकार के फरमान पर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला की छुट्टी कर दी है। उसे PSGPC की प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया है। पंथक सूत्रों के अनुसार भारत सरकार तथा अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने यह कदम उठाया है।
करीब तीन माह पहले भी गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के लिए दोनों मुल्कों में बैठक तय की गई थी, लेकिन PSGPC में चावला को शामिल कर लिए जाने के कारण भारत सरकार ने बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने बैठक स्थगित कर दी थी।
श्री ननकाना साहब निवासी चावला ने तीन साल पहले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के मौके पर PSGPC के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते समय कहा था कि वह ISI अथवा पाक सरकार की रबड़ की मोहर नहीं बन सकते, लेकिन ISI तथा पाकिस्तान सरकार के दबाव में एक घंटा बाद ही उसने इस्तीफा वापस ले लिया था। गौरतलब है कि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ रिश्तों में कड़वाहट के लिए चावला को दोषी बताती आ रही है।
SGPC ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
गोपाल सिंह चावला को PSGPC के पद से हटाए जाने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। SGPC के सचिव डॉ. रूप सिंह ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते। उन्होंने यह जरूर कहा कि 14 जुलाई को अटारी सीमा पर होने वाली दोनों देशों की बैठक में SGPC के प्रतिनिधि शामिल नहीं हो रहे। इस सरकारी बैठक में शामिल होने का न तो निमंत्रण मिला है और न वहां जाने की कोई योजना है।
मोदी की विदेश नीति के चलते हटाया गया चावला को : मलिक
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने लुधियाना में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की ताकत का ही नतीजा है कि PSGPC से खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को SGPC द्वारा भेजे गए निमंत्रण के सवाल पर मलिक ने कहा कि SGPC एक धार्मिक संस्था है। उसके फैसले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।