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कार्यकारी सीएस ने कहा-निगम के जनाना अस्पताल का संचालन हमें सौंपें

नगर निगम द्वारा संचालित ढाब खटिकां स्थित द प्रिसेज ऑफ वेल हॉस्पिटल (जनाना अस्पताल) के कुशल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर हाथ बढ़ाया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 12:05 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:35 AM (IST)
कार्यकारी सीएस ने कहा-निगम के जनाना अस्पताल का संचालन हमें सौंपें
कार्यकारी सीएस ने कहा-निगम के जनाना अस्पताल का संचालन हमें सौंपें

जागरण संवाददाता, अमृतसर : नगर निगम द्वारा संचालित ढाब खटिकां स्थित 'द प्रिसेज ऑफ वेल हॉस्पिटल' (जनाना अस्पताल) के कुशल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर हाथ बढ़ाया है। कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल ने केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र में स्थित इस अस्पताल के संचालन का अधिकार मांगा है। इसके लिए उन्होंने विधायक एवं मेडिकल शिक्षा खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी के नाम एक मांग पत्र उनके भतीजे एवं पार्षद विकास सोनी को सौंपा। विकास सोनी मंगलवार को सिविल अस्पताल पहुंचे थे। डॉ. जौहल ने कहा कि यदि यह सरकारी इमारत स्वास्थ्य विभाग को मिल जाती है तो यहां और बेहतर सेहत सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

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मंगलवार को सिविल अस्पताल के नवनियुक्त एसएमओ डॉ. राजिदर अरोड़ा को बधाई देने पहुंचे विकास सोनी के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया। विकास सोनी ने कहा कि वह मंत्री ओमप्रकाश सोनी, नगर निगम अधिकारियों, मेयर तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक करवाने का प्रयास करेंगे। निगम हाउस में प्रस्ताव पारित कर यह इमारत स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएगी।

2014 में स्वास्थ्य विभाग ने बदली थी खंडहर हो चुकी इमारत की नुहार

दरअसल, ब्रिटिशनकालीन इस इमारत का निर्माण 11 अक्टूबर 1940 को हुआ था। इसमें अस्पताल की शुरूआत की गई थी। 1984 के बाद इस इमारत का रखरखाव नगर निगम द्वारा किए जाने लगा। वर्ष 2014 में स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल के संचालन का दायित्व उठाया था। तत्कालीन मेयर बख्शीराम अरोड़ा ने इस अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग के हवाले करने का फैसला लिया। तत्पश्चात पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन ने इमारत की रेनोवेशन के लिए 2.34 लाख रुपये की राशि पारित की। स्वास्थ्य विभाग की योजना थी कि इस अस्पताल में 30 बेड होंगे। इसके अतिरिक्त सीनियर मेडिकल ऑफिसर, मेडिसिन, सर्जरी, गायनोकॉलोजिस्ट, डेंटल सहित कुल सात मेडिकल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे। स्टाफ नर्सों, फार्मासिस्ट, लेबोरेटरी, एक्स-रे, रेडियोग्राफर आदि स्टाफ भी होगा। अस्पताल 24 घंटे सेवाएं देगा। इसके बाद कंडम इमारत को स्वास्थ्य विभाग ने नया रूप प्रदान किया। डॉक्टरों को तैनात किया। सीसीटीवी कैमरे, आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम, आधुनिक लेबोरेट्री व मेडिसिन सेंटर स्थापित किए।

2018 से एक ही डॉक्टर के सहारे अस्पताल चला रहा निगम

अक्टूबर 2018 को नगर निगम ने अचानक स्वास्थ्य विभाग को इमारत खाली करने को कह दिया। इस आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग को यह चमचमाती इमारत छोड़नी पड़ी। स्टाफ को भी यहां से जाना पड़ा। नगर निगम ने इस अस्पताल में सिर्फ एक एमबीबीएस डॉक्टर की तैनाती की । जनाना अस्पताल में नगर निगम द्वारा गायनोकोलॉजिस्ट, मेडिसिन डॉक्टर व किसी भी मर्ज का स्पेशलिस्ट डॉक्ट तैनात नहीं। नगर निगम द्वारा यहां कभी भी दवाओं का प्रबंध नहीं किया गया। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने पूरी प्लानिग के साथ इस अस्पताल को संचालित करने की ओर बढ़ रहा था।


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