स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संधावालिया ने दी आरटीए कार्यालय में दबिश
स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर दिलराज सिंह संधावालिया शुक्रवार की सायं अचानक रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी सेक्रेटरी कार्यालय पुहंच गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर दिलराज सिंह संधावालिया शुक्रवार सायं अचानक रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी सेक्रेटरी कार्यालय पहुंच गए जिससे आरटीए कार्यालय में हड़कंप मच गया। इस दौरान वह अलग-अलग विभागों में पहुंचे और कर्मचारियों को काम करते देखा। इसके बाद वे सीधे आरटीए सेक्रेटरी दरबारा सिंह के चैंबर में पहुंचे वहां लगातार 3 घंटों तक रिकार्ड खंगाला।
एसटीसी के अमृतसर में आरटीए कार्यालय में पहुंचने की सूचना के बाद जब मीडिया उनसे मिलने पहुंचा तो उन्होंने बैठक चल रही है, कहकर मिलने से बचते रहे। हालांकि अधिकारी इसे रूटीन की चेकिग होने का दावा करते रहे। कुछ एजेंसियों की ओर से वाहनों के कम रेट के बिलों पर पंजाब सरकार को टैक्स देकर करीब करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में संधावालिया अमृतसर पहुंचे थे। इसमें आरटीए कार्यालय के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से एजेंसियों ने ट्रांसपोर्ट विभाग को चूना लगाया था।
दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और पंजाब सरकार ने शहर की तीन एजेंसियों के कोड ब्लाक करते हुए वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। मगर मिलीभगत से इन एजेंसियों के कोड को दोबारा से खोल दिया गया। एसटीसी संधावालिया ने कहा कि राज्य सरकार रोड टैक्स को लेकर बहुत गंभीर है और इसे लेकर प्रदेश की सभी वाहन बेचने वाली एजेंसियों का आडिट सरकारी एजेंसी से करवाने पर विचार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ समाज सेवी व आरटीआइ एक्टिविस्ट वरुण सरीन ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य से भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे तो करते हैं मगर आरटीए कार्यालय व निजी कंपनियों की सांठगांठ से सरकार को करोड़ों से अधिक रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है तो उन पर मामला दर्ज क्यों नहीं करवाया। वह इसमें जनहित याचिका दायर करेंगे।