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गैंगस्टर फरारी कांड में सीआइए स्टाफ ने दो और को फंसाने की दी धमकी

मृतसर कपूरथला से कुख्यात गैंगस्टर गुरभेज सिंह उर्फ भेजा की फरारी मामले में अमृतसर सीआइए स्टाफ के सदस्यों द्वारा वसूली के नाम पर डराने-धमकाने का सिलसिला जारी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:15 AM (IST)
गैंगस्टर फरारी कांड में सीआइए स्टाफ ने 
 दो और को फंसाने की दी धमकी
गैंगस्टर फरारी कांड में सीआइए स्टाफ ने दो और को फंसाने की दी धमकी

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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कपूरथला से कुख्यात गैंगस्टर गुरभेज सिंह उर्फ भेजा की फरारी मामले में अमृतसर सीआइए स्टाफ के सदस्यों द्वारा वसूली के नाम पर डराने-धमकाने का सिलसिला जारी है।

तीन आरोपितों को सलाखों के पीछे भेजने के बाद कुछ पुलिस कर्मी उक्त केस में फंसाने का डर दिखाकर वसूली करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि लोगों के घरों में पहुंच कर किसी की गिरफ्तारी डालने की बजाए सीधे-सीधे पैसों की मांग की जा रही है। तथाकथित प्रताड़ित व्यक्तियों का आरोप है कि पुलिस उनके पास पहुंच कर ना तो कोई लिखित आदेश दिखा रही है और ना ही उन्हें थाने में पूछताछ करने के लिए कोई कोई समन भेज रही है। इन हालातों में परेशान परिवारों का कहना है कि वह इंसाफ के लिए किस द्वार पर जाएं। केस हिस्ट्री वन

फरारी कांड में सीआइए स्टाफ के कुछ कर्मी सोमवार की दोपहर सुल्तानविड स्थित संत विहार क्षेत्र के एक होटल में पहुंचे। तीन पुलिसकर्मी कार में सवार थे। उन्हें पता नहीं था कि होटल के चप्पे चप्पे पर लगे सीसीटीवी कैमरे उनकी प्रत्येक गतिविधि को कैद कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस कर्मियों ने होटल के स्टाफ से जमकर गुंडागर्दी की और होटल मालिक को जल्द से जल्द पेश होने को कहा। हद तो तब हो गई जब कानून के रखवालों ने होटल के महिला स्टाफ से भी गाली-गलौज किया। जबकि सिविल वर्दी वाले इस पुलिस दल के साथ महिला पुलिस सदस्यों का होना अनिवार्य था। होटल के कर्मी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें धमकाया कि उनके होटल में गैंगस्टर गुरभेज सिंह भेजा अकसर रुकता था। केस को दबाने की एवज में उनसे पांच लाख रुपये मांगे गए।

केस हिस्ट्री 2

सीआइए स्टाफ के कुछ कर्मी सुल्तानविड क्षेत्र के ही श्री गुरु हरकिशन एवेन्यू में पहुंचे। वह दरवाजा खटखटाए बगैर ही एक घर में घुस गए। घर में मौजूद एक युवक ने जबरदस्ती अज्ञात लोगों को घर में घुसते देखा तो विरोध किया। बिना कोई जवाब दिए तीनों पुलिस कर्मियों ने सारे घर को खंगाल डाला। फिर एक अन्य कमरे से महिला निकली तो उससे उसके पति के बारे में पूछने लगे। घर में लगे बाइक के दस्तावेज मांगने लगे। महिला ने आरोप लगाया कि जब घर से कुछ नहीं मिला तो धमकाकर चले गए। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उसके पति को झूठे केस में फंसाने का डर दिखाकर दो लाख रुपये की मांग की है। पर्चा दर्ज कर बर्खास्त करें सीपी : चीफ इनवेस्टिगेटर वेरका

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रिटा. जस्टिस अजीत सिंह बैंस की अगुवाई में चल रहे मानवाधिकार संगठन के चीफ इनवेस्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने कहा कि पुलिस कमिश्नर को चाहिए कि जनता को परेशान करने वाले पुलिस कर्मियों का पता लगाकर उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। यही नहीं उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज करना चाहिए। पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि रंजीत एवेन्यू के अमृत आनंद पार्क की भी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करवा लें। प्रत्येक छापामारी लिखित होती है : एडवोकेट चब्बा

अपराध मामलों की माहिर वकील नवजोत कौर चब्बा ने बताया कि पुलिस अगर किसी संस्थान या घर पर छापामारी करती है तो उसका बाकायदा लिखित रिकार्ड तैयार होता है। जो थाने में दर्ज किया जाता है। मुंह उठाकर किसी के घर घुस जाना कानून के खिलाफ है। इस तरह के मामलों में कुछ पुलिस कर्मी लोगों को डराने धमकाने के लिए गैर कानूनी काम कर वसूली करते हैं।

निकलवा रहे हैं फुटेज : सीपी

पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि वह अपने स्तर पर मामले की जांच करवा रहे हैं। अगर फिर भी पुलिस से प्रताड़ित कोई व्यक्ति उनसे मिलना चाहता है तो मिल सकता है। उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।


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