मुलाजिमों खबरदार! इलेक्शन में नहीं चढ़ना चाहिए बुखार
अमृतसर चुनावी मौसम में सरकारी मुलाजिमों को ताप चढ़ना स्वाभाविक है। चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए सरकारी आदेश के चलते सरकारी मुलाजिमों को चुनावी ड्यूटी करनी पड़ती है।
जोनर: चुनाव की तैयारी:
— गलत मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर चुनाव ड्यूटी से राहत पाने वाले कर्मचारियों को चेतावनी
— सिविल सर्जन करेंगे मेडिकल सर्टिफिकेट्स की जांच, फिर मिलेगी ड्यूटी से छूट
जागरण संवाददाता, अमृतसर
चुनावी मौसम में सरकारी मुलाजिमों को 'ताप' चढ़ना स्वाभाविक है। चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए सरकारी आदेश के चलते सरकारी मुलाजिमों को चुनावी ड्यूटी करनी पड़ती है। इस ड्यूटी से बचने के लिए कई बार मुलाजिम मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर छुट्टी हासिल कर लेते हैं। इस बार मेडिकल सर्टिफिकेट देने से मुलाजिमों को छुट्टी नहीं मिलेगी। इन सर्टिफिकेट्स की जांच जिले के सिविल सर्जन करेंगे। पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद कि वाकई मुलाजिम बीमार है, तब ही उसे चुनावी ड्यूटी से मुक्ति मिल सकेगी।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के शंखनाद के बाद से ही सिविल सर्जन कार्यालय में मेडिकल सर्टिफिकेट्स पहुंचने लगे हैं। कोई खुद को बीमार बता रहा है तो किसी का यह कहना है कि वह तो बीमारी की वजह से चल फिर भी नहीं सकता। इस बात की असलियत जानने के लिए सिविल सर्जन की अगुआई में एक विशेष कमेटी बनाई गई है। सिविल सर्जन व कमेटी के सदस्य मुलाजिमों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट्स की गहनता से जांच करेंगे।
डिप्टी कमिश्नर अमृतसर की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चुनावी ड्यूटी में तैनात किए गए कुछ अधिकारी एवं मुलाजिम ऐसे हैं जो निजी समस्याओं का हवाला देकर ड्यूटी से मुक्ति पाना चाहते हैं। हो सकता है कि इनकी समस्याएं सही हों, लेकिन इनकी आड़ में कई बार वे मुलाजिम भी ड्यूटी से अलग हो जाते हैं जिन्हें असल में कोई समस्या है ही नहीं। ऐसे में चुनाव प्रबंधों को सुचारू बनाए रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सिविल सर्जन, जिला परिवार भलाई अधिकारी, जिला स्माल सेविग ऑफिसर पर आधारित कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी सिविल सर्जन कार्यालय में शाम चार से पांच बजे तक यह जानकारी जुटाएगी कि वाकई कर्मचारी अवकाश का पात्र है या नहीं।
इधर, बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय में चार अर्जियां पहुंचीं। इनकी जांच की जा रही है।