ट्रैफिक जाम के खिलाफ इंस्पेक्टर कुलदीप कौर हैं मिसाल
अमृतसर गुरु नगरी की सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने में ट्रैफिक विंग की इंस्पेक्टर कुलदीप कौर जी-जान से जुटी हुई हैं।
नवीन राजपूत, अमृतसर
गुरु नगरी की सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने में ट्रैफिक विंग की इंस्पेक्टर कुलदीप कौर जी-जान से जुटी हुई हैं। उनका मकसद गुरु नगरी में पहुंचने वाले पर्यटकों और शहरवासियों ट्रैफिक जाम न फंसना पड़े। ट्रैफिक जाम के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई में उन्हें दस साल से ज्यादा का समय हो चुका है। जब भी कभी वह भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में पहुंचती हैं तो चंद ही मिनटों में ही यातायात सुचारू हो जाता है। लेकिन लोगों के पास बढ़
रहे वाहन और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ उनकी इस लड़ाई में बाधा डाल रहे हैं।
कुलदीप कौर पुलिस विभाग में 1985 में बतौर कास्टेबल भर्ती हुईं थीं। पति
सुरिंदर कुमार पावरकॉम में हैं और बेटा सलमान संगीत की पढ़ाई करता है। ट्रैफिक जाम से निपटने के सुझाव भी शौहर और बेटा दोनो मिल कर देते हैं। अपनी सकारात्मक सोच और काम के
कारण इंस्पेक्टर कुलदीप कौर को आज प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी जानते हैं। इससे पहले कुलदीप कौर महिला थाना के अलावा शहर के विभिन्न थानों में 15 साल से ज्यादा समय तक तैनात रह चुकी हैं। महिला थाने में रहते हुए वह अपनी सूझबूझ से तीन हजार से ज्यादा परिवारों को टूटने से बचा चुकी हैं।
पुलिस कर्मियों को रोजाना करती हैं प्रोत्साहित
कुलदीप कौर बताती हैं कि उनकी उर्जा का राज उनका परिवार है। सुबह सात बजे ड्यूटी पर पहुंचते ही वह अपने विंग में काम करने वाले 65 से अधिक ट्रैफिक पुलिस के मुलाजिमों को काम के प्रति प्रोत्साहित करती हैं। उनकी समस्याएं सुनती हैं और उसे हल करती हैं। क्योंकि 12 से 14 घटे लगातार ड्यूटी करने से प्रत्येक व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है।
गलत वीडियो अपलोड होने से हुई थीं परेशान
कुलदीप कौर बेबाक, तेज तर्रार और सकारात्मक सोच करने वाली महिला पुलिस अफसर हैं। जुलाई 2018 में शरारती तत्वों ने उनकी नाके पर चालान करने की एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी। हालाकि वह उस समय भी
ट्रैफिक जाम से निपट रही थीं। वीडियो अपलोड होते ही उसपर भद्दे कमेंट्स
होने शुरू हो गए थे। तब वह परेशान हो चुकी थीं। हलांकि आला अधिकारियों ने आरोपितों पर पर्चा दर्ज कर दिया था।
जनता से माग रही सहयोग
इंस्पेक्टर कुलदीप कौर ने बताया कि गुरु नगरी की सड़कों को ट्रैफिक से
मुक्त करना कोई बड़ी बात नहीं है। शहर के लोगों के सहयोग की जरूरत है। अगर प्रत्येक व्यक्ति सड़क पर चलते समय यतायात नियमों का पालन करें तो जाम को हटाया जा सकता है।