Move to Jagran APP

दो बार बचाया, लेकिन बेटा बाज न आया आैर हार गई बेबस मां

अमृतसर के जंडियाला गुरु क्षेत्र में एक महिला के पति की नशे के कारण मौत हो गई और उसका इकलौता बेटा भी इस चक्‍कर में फंस गया। मां ने इलाज कराकर दो बार ठीक करा लिया, लेकिन वह हार गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:40 AM (IST)
दो बार बचाया, लेकिन बेटा बाज न आया आैर हार गई बेबस मां
दो बार बचाया, लेकिन बेटा बाज न आया आैर हार गई बेबस मां

अमृतसर, [नवीन राजपूत]। यह बेबस मां आखिरकार हार गई। वैसे, मां कभी हारती नहीं, लेकिन नशे के सौदागर मां की ममता पर भी भारी पड़े। इस मां ने नशे के चंगुल में फंसे इकलाैते के बेटे को बचाने के लिए काफी जद्दोजिहद की, ले‍किन बचा नहीं सकी। जंडियाला गुरु के गहरी मंडी इलाके में रहने वाली मोनिका रानी ने प‍ति को पहले ख‍ो दिया था और बेटा हिमांशु भी नशा सौदागरों के चक्‍कर में पड़ गया। मां ने दो बार इलाज करा कर उसे ठीक कर लिया, लेकिन नशे के कारोबारियों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा अौर अाखिर मां की उम्‍मीदों का चिराग बुझ गया।

prime article banner

मोनिका को लगा कि उसके कलेजे का टुकड़ा अब नशे के दलदल से निेकल चुका है, लेकिन बेटे के बेजान पड़े शरीर को देख टूट गई। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि पति राजिंदर टांगरी की मौत के कुछ समय बाद ही उसे बेटे की चिता देखनी पड़ सकती है। मां ने बेटे को ठीक करने के लिए उसे दो बार नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज करवाया था। दोनों बार वह नशा छोड़कर निरोग होकर घर पहुंचा, लेकिन वह जहां काम करने के लिए पहुंचता,वहां नशे के चंगुल में फंस जाता।

हिमांशु की फाइल फोटो।

मोनिका रानी ने बताया कि कुछ साल पहले उसके पति राजिंदर टांगरी की मौत हो गई थी। घर चलाने के लिए बेटे हिमांशु टांगरी ने खाद की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। वहां काला नाम के करियाने वाले ने उसे नशे की दवाओं की लत लगा दी। बेटा ज्यादातर नशे की हालत में रहने लगा। जब उन्हें इस बाबत पता चला तो वह पति के बाद किसी भी कीमत पर हिमांशु को नहीं गंवाना चाहती थी। उसने किसी तरह से अमृतसर के एक नशा छुड़ाओ केंद्र में बेटे का इलाज करवाया। बेटा वहां से ठीक होकर घर लौटा।

यह भी पढ़ें: दो गर्लफ्रेंड संग लिव इन में रह रहा था यह खूंखार गैंगस्‍टर, मिलीं यौन शक्ति की दवाएं

इसके बाद, हिमांशु ने एक बेकरी की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। आरोप  है कि दुकान का मालिक जगदीश कुमार पहले से ही नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा था। महिला का कहना है कि हिमांशु को बेकरी की दुकान के मालिक नशे के टीके लगाने के लिए उकसाता था। इस बाबत बेटे ने उन्हें बताया भी और इससे बचने की को‍शिश भी की। जिक्र भी किया था। लेकिन वह नशे के चंगुल मेंं फिर फंय गया और दोबारा नशेड़ी हो गया।

मां को बेटे की हालत का पता चला तो उसने हिमांशु को पटियाला के एक नशा छुड़ाओ केंद्र में दाखिल करवाकर स्वस्थ करवा लिया। लेकिन, नशे के सौदागर हिमांशु का लगातार पीछा कर रहे थे। मां इसके बाद बेटे पर नजर बनाए हुए थी कि कहीं वह तीसरी बार नशे की चपेट में न आ जाए। शुक्रवार को एकाएक हिमांशु गायब हो गया और बाद में उसका शव एक सार्वजनिक शौचालय में मिला। हिमांशु ने नशे की ओवरडोज ले लिया था अौर इससे उसकी मौत हो गई थी। 

यह भी पढ़ें: पंजाब की दो सहेलियों ने बनाया पैडगैंग, अक्षय कुमार ने भी किया जज्‍बे को सलाम

सात पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज, तीन काबू

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जगदीश बैकरी वाला, आशा रानी, लवप्रीत कुमार, मल्लू, संदीप शर्मा, सरबजीत सिंह, काला करियाने वाला के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, जालसाजी और एनडीपीएस एक्ट के तहत  केस दर्ज कर लिया है। जंडियाला थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि जगदीश, उसकी पत्नी आशा रानी और लवप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्‍य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.