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तिहाड़ की तर्ज पर यूपी की जेलों में होगी सुरक्षा, हर दो माह में बदले जाएंगे कर्मचारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले किये हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 07:43 AM (IST)
तिहाड़ की तर्ज पर यूपी की जेलों में होगी सुरक्षा, हर दो माह में बदले जाएंगे कर्मचारी
तिहाड़ की तर्ज पर यूपी की जेलों में होगी सुरक्षा, हर दो माह में बदले जाएंगे कर्मचारी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले किये हैं। तिहाड़ की तर्ज पर यूपी की जेलों में दोहरी चेकिंग व्यवस्था लागू कराने के लिए योगी ने 1300 पुलिसकर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर कारागार विभाग को दिये जाने का निर्देश दिया है। जेलों में हर मुलाकाती को सीसीटीवी कैमरे की नजर से गुजरा जाए और हर दो माह में जेलकर्मियों के तबादले सुनिश्चित किए जाएं। योगी ने छह माह के भीतर सुधार नजर आने का अल्टीमेटम भी दिया।

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मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग की समीक्षा की। कहा कि जेलों में दो स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था की जाए और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाए। बीते दिनों डीजी जेल आनन्द कुमार ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि सूबे की 25 संवेदनशील जेलों के बाहरी हिस्से में चेकिंग पुलिस द्वारा कराई जाए। इसके लिए 1300 पुलिसकर्मियों की मांग की गई थी। हर 45 दिनों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बदलेगी और संबंधित जिले के एसएसपी/एसपी के अधीन रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। बताया गया कि बैठक में सूबे की पांच जेलों को हाई सिक्योरिटी जेलों में तब्दील करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। कहा कि जेलों के 150 मीटर दायरे में मोबाइल सिग्नल न काम करें, इसके लिए समुचित प्रयास करें। योगी ने श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, इटावा और प्रयागराज में निर्माणाधीन जेलों के काम की समीक्षा भी की।

शहर के बीच आ गईं जेलों की जमीन बेचकर बनाएं नए कारागार

योगी ने कहा कि जो जेलें शहर के बीच आ गई हैं, उनकी जमीनें बेशकीमती हो गई हैं। ऐसी जेलों को बेचकर शहर से 15-20 किलोमीटर दूर नई जेलें बनाई जाएं। जेलों की जमीनें बेचकर हासिल होने वाली रकम से अन्य जिलों में नई जेलें बनवाने व सुरक्षा संबंधी संसाधन जुटाने के लिए रकम भी मिल जाएगी।

राजनीतिक मुकदमे उत्पीड़न का जरिया

योगी ने कहा कि जिला निगरानी समिति की बैठक में हर माह डीएम व एसएसपी मिलकर जिला जज से वार्ता कर जेलों में ही न्यायिक अधिकारियों से सुनवाई की बात सुनिश्चित कराएं। कहा कि राजनीतिक मुकदमे उत्पीडऩ का जरिया बन गए हैं, ऐसे मुकदमों को समाप्त करने के कदम भी उठाये जाएं। भ्रष्टाचार के मामलों में बर्खास्त व निलंबित अधिकारी व कर्मचारियों को कोर्ट से राहत न मिल सके, इसके लिए प्रभारी पैरवी की जाएं।

प्रशिक्षण केंद्र बनाने का भी आदेश

योगी ने बैठक में लखनऊ में प्रस्तावित पुलिस व फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी चर्चा की। योगी ने कहा कि इसके लिए 144 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जिसमें एक प्रशिक्षण केंद्र भी बनवाया जाये। हर रेंज में फोरेंसिक लैब की स्थापना व उनमें डिग्री-डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू कराने का निर्देश भी दिया।

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