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योगी के निशाने पर आए 'अब तक 600', भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संदेश देने को हो रही लगातार कार्रवाई

भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने का संदेश देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का चाबुक तेज होता जा रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 09:08 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 12:07 PM (IST)
योगी के निशाने पर आए 'अब तक 600', भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संदेश देने को हो रही लगातार कार्रवाई
योगी के निशाने पर आए 'अब तक 600', भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संदेश देने को हो रही लगातार कार्रवाई

लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने का संदेश देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का चाबुक तेज होता जा रहा है। लगातार खुल रहीं गड़बड़ियों के मामलों के साथ अधिकारी-कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई का आंकड़ा अब 600 पर पहुंच चुका है। दो सौ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी चुकी है तो बाकी पर बर्खास्तगी, निलंबन और पदावनत जैसी कार्रवाई हुई है।

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नोएडा भूखंड आवंटन की धांधली में फंसे वरिष्ठ आइएएस अधिकारी राजीव कुमार- द्वितीय को सरकार ने जबरन सेवानिवृत्त करने के लिए नोटिस दिया है। रविवार को इस मामले के खुलासे के साथ ही यह आंकड़ा भी सामने आ गया कि अब तक सरकार कितने अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई कर चुकी है। हाल ही में खुले भविष्य निधि घोटाले, होमगार्ड ड्यूटी घोटाले सहित इससे पहले लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई होती रही। सरकार के सूत्रों के अनुसार राजीव कुमार- द्वितीय को शामिल कर पूरा आंकड़ा 600 का हो चुका है। योगी सरकार इस तरह भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संदेश देना चाहती है। वहीं, हमलावर विपक्षी दलों को भी इसके जरिए जवाब देने का प्रयास है।

नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले में राजीव कुमार काट चुके हैं जेल

भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत योगी सरकार अब 1983 बैच के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी राजीव कुमार द्वितीय को अनिवार्यसेवानिवृत्ति देने की तैयारी में जुटी है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नोएडा प्लाट आवंटन घोटाले में पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव के साथ जेल की सजा काट चुके राजीव कुमार द्वितीय वर्ष 2016 से निलंबित हैं। उनका सेवाकाल 30 जून 2021 तक है। केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1982 बैच के अविनाश कुमार श्रीवास्तव के बाद वह उप्र काडर के दूसरे सबसे वरिष्ठ आइएएस अफसर हैं। यदि उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई तो यह प्रदेश में किसी आइएएस अफसर को जबरन रिटायर करने का पहला मामला होगा।

ढाई साल में हुई बड़ी कार्रवाई

जबरन सेवानिवृत्ति : विभिन्न विभागों के 200 अधिकारी-कर्मचारी

बर्खास्तगी, निलंबन, पदावनत

  • ऊर्जा विभाग के 170 अधिकारी
  • गृह विभाग के 51 अफसर
  • परिवहन विभाग के 37 कर्मी
  • राजस्व विभाग के 36 अधिकारी
  • बेसिक शिक्षा विभाग के 26 अधिकारी-कर्मचारी
  • लोक निर्माण विभाग के 18 कर्मी
  • श्रम विभाग के 16 अफसर
  • वाणिज्य कर विभाग के 16 अधिकारी-कर्मचारी।
  • संस्थागत वित्त विभाग के 16 कर्मी। 

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