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प्रदेश को बाल श्रम से मुक्त करेंगे, अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा पाएंगे बच्चे : योगी आदित्यनाथ

World Day Against Child Labour अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारम्भ किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 10:24 PM (IST)
प्रदेश को बाल श्रम से मुक्त करेंगे, अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा पाएंगे बच्चे : योगी आदित्यनाथ
प्रदेश को बाल श्रम से मुक्त करेंगे, अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा पाएंगे बच्चे : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर परिवार की विषम परिस्थितियों के कारण बाल श्रम करने के लिए मजबूर बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश में बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत बाल श्रम करने के लिए विवश आठ से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सरकार दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होने तक पढ़ाई के लिए प्रत्येक माह आर्थिक सहायता देगी। बालकों को हर महीने 1000 रुपये और बालिकाओं को 1200 रुपये दिए जाएंगे। आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा पास होने पर उन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 6000 रुपये की राशि अतिरिक्त दी जाएगी।

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अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस कंडीशनल कैश ट्रांसफर योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा एकमात्र राज्य है जो कामकाजी बच्चों की शिक्षा के लिए इस प्रकार की योजना लागू कर रहा है। योगी ने कहा कि श्रमिक समाज का अत्यंत स्वाभिमानी वर्ग है जिसने अपने श्रम से समाज और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला रखी है। उनके जीवन में बेहतरी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे मजबूरी में बाल श्रम करते हैं। इससे न केवल उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि समाज और राष्ट्र की भी अपूरणीय क्षति होती है। बच्चों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाकर पढ़ाई से जोड़ना ही इस योजना का उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया की इस तरह की योजना पहले भी प्रदेश के 10 जिलों में संचालित की गई थी लेकिन पात्रता की कठिन शर्तों और लाभ की धनराशि कम होने के कारण लाभार्थियों की संख्या मात्र 260 थी। संशोधित स्वरूप में सरकार अब इस योजना को प्रदेश के 13 मंडलों के 57 जिलों में शुरू कर रही है जिसका लाभ कामकाजी बच्चों के 2000 परिवारों को मिलेगा। इसके अलावा उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिलाने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है। इसमें विद्यालय प्रबंध समिति व स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों को भी अधिकार दिया गया है कि वे ऐसे कामकाजी बच्चों के बारे में जानकारी मिलने पर उन्हें योजना में शामिल कराएं। श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा आवश्यक जांच कर ऐसे बच्चों को योजना में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार प्रदेश के मंडल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण करा रही है। यह विद्यालय 12 से 15 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किए जाएंगे। इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षा दी जाएगी। बाल श्रमिक विद्या योजना का लाभ पाने वाले बच्चों का भी इन विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा। कार्यक्रम में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मुख्य सचिव आरके तिवारी प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्र आदि मौजूद थे।

इन परिवारों के बच्चे होंगे पात्र

  • ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता या दोनों की मृत्यु हो चुकी हो
  • जिनके माता या पिता या दोनों स्थायी रूप से दिव्यांग हों
  • माता या पिता या दोनों किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हों
  • ऐसे परिवार जहां महिला या माता परिवार की मुखिया हो -ऐसा परिवार जो भूमिहीन हो

बच्चों खूब मेहनत से पढ़ो, आगे बढ़ो : कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कुछ ऐसे बच्चों से भी बात की जो हालात के कारण बाल श्रम अपनाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें खूब पढ़ने और आगे बढ़ने की नसीहत दी।उन्हें बताया कि सरकार उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाने के साथ उनके परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएगी। इन बच्चों में गोंडा की मधु, बलरामपुर के अजय कुमार मौर्य, विनोद, कानपुर की लक्ष्मी, नेंसी लखनऊ के रेहान और सना, सोनभद्र की चांदनी, प्रीति और गौतम शामिल थे।


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