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West Bengal : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- दिल दुखता है जब बंगाल में कहीं भी होता है विस्फोट

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। धनखड़ ने कहा- दिल दुखता है जब बंगाल में कहीं भी होता है विस्फोट।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 10:49 AM (IST)
West Bengal : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- दिल दुखता है जब बंगाल में कहीं भी होता है विस्फोट
West Bengal : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- दिल दुखता है जब बंगाल में कहीं भी होता है विस्फोट

कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राज्य में विस्फोटकों की बरामदगी पर चिंता प्रकट करते हुए रविवार को राज्यपाल ने कहा कि जब भी कोई धमाका होता है, तो मेरा दिल दहल जाता है क्योंकि इससे (ब्लास्ट) नुकसान लोगों का ही होता है।

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राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से जिस तरह विस्फोटक बरामद किए जा रहे हैं, ऐसे में भला चुनाव कैसे शांतिपूर्ण हो सकता है। वहीं, इस पर पलटवार करते हुए तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्यपाल इस तरह की बयानबाजी सुर्खियों में बने रहने के लिए कर रहे हैं।

यहां बता दें कि आगामी महीने बंगाल में नगर निकाय चुनाव होने हैं जबकि अगले साल बंगाल विधानसभा चुनाव होना है। बीते दिनों ही राज्य के बीरभूम और पूर्व ब‌र्द्धमान जिले से देशी बम बरामद किए गए थे। इससे पहले उत्तर 24 परगना में एक अवैध पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ था जिसमें पांच लोगों की जान गई थी। यहां से जब्त बारूद को गंगा किनारे नष्ट करने के दौरान इतना तेज धमाका हुआ था कि दोनों पार कई इमारतों में दरारें आ गई थी।

 बंगाल ने दिए कई नोबले विजेता

राज्यपाल ने कहा कि बंगाल ने इतने सारे नोबेल विजेता दिया है, यहां की सांस्कृतिक संपन्नता उल्लेखनीय है ऐसे में भला कैसे आप बंगाल को ¨हसा का अड्डा बनने देंगे? इस दौरान उन्होंने राज्य में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी को लेकर हुए ¨हसक विरोध प्रदर्शन, रेलवे की संपत्ति को हुए नुकसान का भी जिक्र किया।

अगर अनुरोध को मान लिया जाय तो परंपरा के पालन में हर्ज नहीं

राजभवन व राज्य सरकार में लगातार जारी जुबानी जंग और शुक्रवार को बजट अभिभाषण से एक दिन पहले के बयान को लेकर कयास लग रहे थे कि राज्यपाल विधानसभा में सरकार लिखित बजट अभिभाषण से अलग मत व्यक्त कर सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और उन्होंने हूबहू अभिभाषण दिया। इस पर राज्यपाल ने रविवार को कहा कि अगर अनुरोध को मान लिया जाता तो परंपरा के पालन में कोई हर्ज नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने शुरू में बिना किसी सहायक दस्तावेज के मुझे अभिभाषण की कॉपी दी थी। इसे लेकर मैंने कहा था कि बिना उन दस्तावेजों को देखे मेरे लिए अभिभाषण संभव नहीं है। फिर राज्य के वित्त मंत्री (अमित मित्रा) ने मुझसे मुलाकात की और परंपरा के मुताबिक मुझसे भाषण पढ़ने का अनुरोध किया और अधिकारी जरूरी दस्तावेज लेकर आए। धनखड़ ने कहा कि मैं आगे बढ़ने में यकीन करता हूं। राज्यपाल व राज्य सरकार एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं जिसे साथ चलना होता है। 

अभी भी राजनेता बन सकते हैं राज्यपाल : पार्थ

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्यपाल लगातार इस तरह की बयानबाजी सुर्खियों में बने रहने को लेकर करते हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि वे कहते हैं और उनकी बातों से लगता है अभी भी वे राजनेता बनने का सौक रखते हैं। पार्थ ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं देखा कि हर रोज सुबह उठकर राज्यपाल ट्वीट करे, कुछ बयानबाजी करे और सुर्खियों में रहने की कोशिश करे। 


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