राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- बिलों को स्वीकार करने में देरी के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता
governor Jagdeep Dhankar पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने कहा है कि वह संविधान के अनुसार काम करेंगे और बिलों को स्वीकार करने में देरी के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने कहा है कि वह संविधान के अनुसार काम करेंगे और बिलों को स्वीकार करने में देरी के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। तृणमूल ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जानबूझकर कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। वहीं धनखड़ ने सरकार पर धीमी गति से काम करने और उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल विधानसभा में वरिष्ठ मंत्रियों सहित टीएमसी विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया और बिलों को मंजूरी देने में देरी पर धनखड़ को फटकार लगाई और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की। टीएमसी, राज्यपाल जगदीप धनखड़, जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी की छवि के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा शीतकालीन सत्र अचानक स्थगित कर दिया।
जानकारी हो कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच चले आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को अचानक स्थगित कर दिया गया। तृणमूल ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जानबूझकर कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। वहीं धनखड़ ने सरकार पर धीमी गति से काम करने और उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुके इस मुद्दे पर संसद में भी हंगामा हुआ और तृणमूल सांसदों ने दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाया।राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न मिलने पर उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया। तृणमूल सांसदों ने विधेयकों को मंजूरी देने में कथित तौर पर देरी को लेकर धनखड़ की आलोचना की और उन्हें हटाने की मांग की।
धनखड़ ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वह संविधान के अनुसार काम करेंगे और विधेयकों के लंबित रहने के लिए उन्हें दोष नहीं दिया जा सकता। संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के सभी प्रश्नों का विधिवत समाधान किया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि सदन ने धनखड़ के सभी प्रश्नों का जवाब दिया। बाद में राज्यपाल ने राज भवन में संवाददाताओं से कहा मैं देश के संविधान के अनुसार काम करूंगा। यदि सरकार मेरे प्रश्नों का उत्तर धीमी गति से देती है तो यह मेरी गलती नहीं है। मुझे दोषी ठहराकर वह अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकती। मंत्रियों और विधायकों ने दावा किया कि राज्यपाल ने महत्वपूर्ण विधेयकों को रोक कर रखा है जिन्हें विधानसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किए जाने की जरूरत है।
मंत्री तापस राय ने कहा कि क्या कोई राज्यपाल इस तरह से काम करता है। वह राज्य की विधानसभा को ठीक से नहीं चलने दे रहे। राज्यपाल की मंजूरी न मिलने के कारण हम पिछले सप्ताह से किसी भी नये विधेयक पर चर्चा नहीं कर पा रहे हैं। अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य विधेयक उनकी स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
तृणमूल के महासचिव चटर्जी ने विधानसभा में बताया कि राज्यपाल से लंबित विधेयकों के बारे में बात करने के बावजूद उन्हें स्वीकृति नहीं मिली है। राय ने कहा कि विधानसभा का सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ था और 13 दिसंबर तक चलने वाला था लेकिन चर्चा के लिए कोई विधेयक न होने पर सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।