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Mamta vs CBI विवाद की वजह बना शारदा चिटफंड घोटाला, जानें 10 ज़रूरी बातें

West Bengal Crisis: कंपनी ने बड़ी राशि मीडिया, ऑटोमोबाइल, रियल इस्टेट, फाइनेंस सेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कंपनियों में लगाई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 01:03 AM (IST)
Mamta vs CBI विवाद की वजह बना शारदा चिटफंड घोटाला, जानें 10 ज़रूरी बातें
Mamta vs CBI विवाद की वजह बना शारदा चिटफंड घोटाला, जानें 10 ज़रूरी बातें

कोलकाता, जेएनएनपश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच जारी विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस विवाद की जड़ शारदा चिटफंड घोटाले में छुपी है जिसकी जांच कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार कर रहे थे। इन्हें सीबीआई गिरफ्तार करने पहुंची थी।

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विवाद की वजह बनीं ये बातें
1. शारदा ग्रुप साल 2006 में सुदिप्तो सेन ने बनाया था। इसे कई कंपनियों को मिलाकर बनाया गया था। कंपनी ने लोगों को इन्वेस्ट करने पर बड़ा प्रॉफिट और रिटर्न मिलने का दावना किया था। वहीं एजेंट्स को इन्वेस्टर्स के फायदे का एक हिस्सा देने का वादा किया गया था।

2. शारदा ग्रुप ने गैरकानूनी तरीके से कई वित्तीय लेन देन किए थे। कंपनी ने बड़ी राशि मीडिया, ऑटोमोबाइल, रियल इस्टेट, फाइनेंस सेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कंपनियों में लगाई।

3. शारदा ग्रुप ने शुरुआती दिनों में पश्चिम बंगाल, ओडिसा, असम और त्रिपुरा के जाने माने राजनेताओं को जोड़ा। पूर्व सांसद कुनाल घोष शारदा ग्रुप के मीडिया डिवीज़न को देखते थे।

4. कंपनी की गुमराह करने वाली सामूहिक इन्वेस्टमेंट स्कीम्स पर सबसे पहले साल 2009 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की नजर पड़ी। सेबी द्वारा कंपनी से ऑडिट के लिए जब बेलेंस शीट मांगी गई तब पहली बार ये मामला सामने आया।

5. SEBI ने साल 2011 में सुदिप्तो सेन द्वारा चलाई जा रही चिटफंड कंपनी द्वारा घोटाला करने की आशंका पर पहली बार पश्चिम बंगाल सरकार को चेताया था। शारदा ग्रुप सिंगापुर, यूएई और दक्षिण अफ्रीका में भी पैसा भेजता था।

6. SEBI ने साल 2012 में शारदा ग्रुप को सामूहिक निवेश योजनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए थे।

7. SEBI के निर्देशों के बावजूद भी शारदा ग्रुप द्वारा अवैध तरीके से जनता का पैसा जमा किया गया। ग्रुप ने साल 2013 तक देशभर के 15 लाख जमाकर्ताओं 200 से 300 बिलियन की राशि जमा की थी।

8. साल 2013 में 600 से ज्यादा जमाकर्ताओं द्वारा शारदा ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लांन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन किया था। ग्रुप के खिलाफ 400 एफआइआर भी हुई थी, जिस पर कोलकाता पुलिस द्वारा सुदिप्तो सहित छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।

9. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लान्ड्रिंग का केस चिटफंड कंपनी घोटाले से जु़ड़े होने पर सीबीआई को सौंप दिया था। पुलिस ने सुदिप्तो सेन, एक्जीक्युटिव डायरेक्टर डेबजानी मुखर्जी और कुनाल घोष को भी सीबीआई को सौंप दिया था।

10. ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल के सीएम रहने के दौरान सरकार द्वारा दस लाख से ज्यादा कम आय वाले इन्वेस्टर्स का जमा पैसा लौटाया था।


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