Citizenship Amendment Act: पीएम मोदी के बयान पर ममता बनर्जी का पलटवार
mamata banerjee. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कपड़े प्रदर्शनकारियों की पहचान को उजागर नहीं करते क्योंकि लोग अपने मन मुताबिक भोजन करते हैं और पोशाक पहनते हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। झारखंड के दुमका में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बयान की पृष्ठभूमि में मंगलवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन पर निशाना साधा और कहा कि कपड़े प्रदर्शनकारियों की पहचान को उजागर नहीं करते, क्योंकि लोग अपने मन मुताबिक भोजन करते हैं और पोशाक पहनते हैं।
नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) के खिलाफ सोमवार के बाद मंगलवार को तृणमूल प्रमुख सड़क पर उतरीं। विरोध जुलूस की शुरुआत जादवपुर 8 बी बस स्टैंड से हुई जो ढाकुरिया, गरियाहाट, रासबिहारी मोड़ होते हुए जदुबाबू बाजार तक पहुंच कर समाप्त हुआ।
पीएम मोदी का नाम लिए बगैर ममता बनर्जी ने कहा, पोशाक देख कर क्या आंदोलनकारियों की पहचान की जा सकती है? टोपी पहनने का मतलब यह नहीं है कि आप मुस्लिम हैं। क्या आप मुझे और मेरे कपड़े देखकर बता सकते हैं कि मैं कौन हूं? आग लगाएंगे तो राम, रहीम सभी जलेंगे, देश, बंगाल सब जगह विभाजन की राजनीति लेकिन मैं देश को विभाजित नहीं होने दूंगी।
केंद्र पर लगाया राज्य में रेल सेवा बंद करने का आरोप
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने राज्य में हिंसा की एक या दो छोटी घटनाओं पर रेलवे सेवाएं बंद कर दी हैं। रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा करना रेलवे सुरक्षा बल के जवानों का कर्तव्य है, फिर भी हमने उन्हें सहायता दी। केंद्र से फिर से रेल सेवा शुरु करने का अनुरोध करूंगी। उन्होंने कहा कि हमने बवाल में शामिल 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और लोगों से अपील है कि आंदोलन शांतिपूर्ण प्रजातांत्रिक तरीके से होना चाहिए।
हमारा स्लोगन 'नो सीएबी, नो एनआरसी'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा स्लोगन है नो सीएबी, नो एनआरसी और विरोध करने वाले कार्यकर्ता इसी नारे के साथ तख्तियां लेकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक इस असंवैधाकि कानून को वापस नहीं लिया जाता हमारा विरोध जारी रहेगा। बुधवार को हावड़ा मैदान से कोलकाता के डोरिना क्रासिंग तक विरोध जुलूस निकाला जाएगा। जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा जबकि आगे का कार्यक्रम गुरुवार को निर्धारित किया जाएगा।
एनआरसी के आतंक से खुदकशी करने वालों के लिए जिम्मेवार कौन?
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में एनआरसी के आतंक से 30 लोगों ने खुदकशी कर ली है। असम एनआरसी सूची से करीब 13 लाख लोगों को बाहर रखा गया है, 100 लोगों ने खुदकशी की है इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कहा कि 10 हजार लोगों को नागरिकता देने के लिए 1 लाख 90 हजार लोगों को बाद देना कहां तक उचित है?
कानून पर विचार-विमर्श का वक्त ही नहीं दिया
केवल संख्या बल से काम करना नहीं चलेगा, दिन में बिल लाए और मध्य रात्रि इसे कानून का रुप दे दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विपक्षी दलों को संशोधित नागरिकता कानून पर विचार-विमर्श करने का वक्त ही नहीं दिया, इसे जल्दबाजी में पारित करवाया। लेकिन हम इसे बंगाल में लागू नहीं करने वाले हैं।
मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
रविवार को एक रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर वे नागरिकता संशोधन कानून लागू करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें मेरी लाश से गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेगी।
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