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ममता बनर्जी ने कहा- यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर दौरे पर थे, इतनी सुरक्षा के बीच मजदूर कैसे मारे गए

ममता बनर्जी ने आतंकवादियों द्वारा मुर्शिदाबाद के मजदूरों के मारे जाने पर कहा कि अब पूरा कश्मीर प्रशासन केंद्र सरकार के हाथों में है इतनी सुरक्षा के बावजूद मजदूर कैसे मारे गए ?

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 12:19 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 12:19 PM (IST)
ममता बनर्जी ने कहा- यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर दौरे पर थे, इतनी सुरक्षा के बीच मजदूर कैसे मारे गए
ममता बनर्जी ने कहा- यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर दौरे पर थे, इतनी सुरक्षा के बीच मजदूर कैसे मारे गए

कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुलगाम में आतंकवादियों द्वारा  मुर्शिदाबाद के पांच मजदूरों के मारे जाने पर कहा है कि अब पूरा जम्मू-कश्मीर प्रशासन केंद्र सरकार के हाथों में है, यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर का दौरा कर रहे थे, इतनी सुरक्षा के बावजूद मजदूर कैसे मारे गए ? 

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आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के शवों को मुर्शिदाबाद लाया गया

 जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में मंगलवार को आतंकी हमले में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले पांच मजदूर मारे गए। कुलगाम आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के शवों को मुर्शिदाबाद लाया गया है। ममता कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे गए मुर्शिदाबाद जिले के पांच श्रमिकों के परिवारों को सभी तरह की मदद की जाएगी। ममता बनर्जी ने जम्‍मू कश्‍मीर में हुए इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त किया है। 

 

जानकारी हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कश्मीर में नृशंस हत्याओं से हम स्तब्ध और अत्यंत दुखी हैं। मुर्शिदाबाद के पांच मजदूरों ने वहां अपनी जान गवां दी कोई भी सांत्वना मृतक के परिवारों के दुख को दूर नहीं कर सकता। ममता बनर्जी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में उनके परिवारों को सभी तरह की मदद दी जाएगी।’  

मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आतंकियों ने पांच गैर कश्मीरी श्रमिकों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया। एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। मारे गए सभी श्रमिक पश्चिम बंगाल के सागर डिग्ग्ी, मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। 

मंगलवार शाम को स्वचालित हथियारों से लैस पांच से छह आतंकी कतरस्सु गांव में दाखिल हुए। उन्होंने गांव के बाहरी छोर पर रह रहे गैर कश्मीरी श्रमिकों के डेरे में घुसकर श्रमिकों पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। गोलियां लगते ही छह श्रमिक जमीन पर गिर पड़े। उन्हें मरा समझ आतंकी वहां से चले गए। आतंकियों के जाने के बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों ने सेना व पुलिस को सूचित करते हुए खून से लथपथ पड़े सभी श्रमिकों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने पांच श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया। एक श्रमिक जहीरूदीन की नाजुक हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए श्रीनगर के अस्पताल लाया गया है। उसकी बाजू व टांगों में गोलियां लगी हैं। मृतकों की पहचान समरूद्दीन, शेख मोहम्मद रफीक, नसीमुद्दीन, रफीक उल शेख और शेख मुर्सलीन के रूप में हुई है।

कुलगाम में पांच श्रमिकों की हत्या के बाद पूरी वादी में जबरदस्त तनाव है। अभी किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षाबलों ने हत्यारे आतंकियों को मार गिराने का अभियान छेड़ दिया है। देर शाम तक कुलगाम सहित पूरे कश्मीर में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया।

गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या जघन्य, जितनी निंदा की जाए कम होगी

कश्मीर में यूरोपीय संघ के 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के पूर्व ही आतंकियों द्वारा कुलगाम में गैर कश्मीरी पांच बंगाली मजदूरों की हत्या की चहुंओर निंदा हो रही है। उल्लेखनीय है कि आतंकियों द्वारा जिन पांच गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या की गई वे सभी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले थे। उनकी शिनाख्त समरूद्दीन, शेख मोहम्मद रफीक, नसीमुद्दीन, रफीकुल शेख और शेख मुर्सलीन के रूप में हुई है। ज्ञातव्य है कि हाल के दिनों में इससे पहले भी आतंकियों द्वारा घाटी में कई गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया गया है। उनमें भी ज्यादातर पश्चिम बंगाल के लोग ही निशाना बने हैं। इस पर यहां लोगों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है।

सिलीगुड़ी के दिग्गज जनप्रतिनिधियों ने भी इस बाबत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कश्मीर में अघोषित आपातकाल गैर कश्मीरी मजूदरों की कश्मीर में आतंकियों द्वारा हत्या के मामले से यह सिद्ध हो गया है कि कश्मीर के हालात बहुत ही नाजुक हैं। वहां अघोषित आपातकाल जैसी परिस्थिति है। इसे नियंत्रित कर पाने में केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह फेल है। 


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