बंगाल में बैलेट पेपर से होंगे पंचायत व नगर पालिका चुनाव: ममता बनर्जी Kolkata News
Mamata Banerjee. ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में नगरपालिका और पंचायत के चुनाव अब ईवीएम से नहीं बैलेट पेपर से होंगे।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कोलकाता में शहीद दिवस रैली में घोषणा की कि पश्चिम बंगाल में नगरपालिका और पंचायत के चुनाव अब ईवीएम से नहीं बैलेट पेपर से होंगे। उनके मुताबिक, वह राज्य चुनाव आयोग से इसकी मांग करेंगी। ममता ने कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव एक मिस्ट्री था, हिस्ट्री नहीं था। भाजपा ने जितनी सीटें जीतने की बात कही थी, उन्हें उतनी ही सीटें मिलीं।
ममता ने भाजपा को धमकी देते हुए कहा कि पहले बंगाल की संस्कृति सीखें, फिर बांग्ला दखल करने का सपना देखें। बंगाल सिर नहीं झुकाएगा। इंच-इंच का बदला लेंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि कट मनी की बात कही जा रही है, लेकिन उजाला की जांच हो। उजाला के पैसे वापस दो।
उन्होंने कहा कि सब कुछ बर्दास्त कर सकती हैं, लेकिन बंगाल का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि घर में बैठकर राजनीति नहीं होगी। बाहर निकलें। रास्ता ही रास्ता दिखाएगा।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की रविवार को कोलकाता में शहीद दिवस रैली से मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोला। इस मौके पर ममता ने कहा कि लोकसभा चुनावों उन्होंने धोखा देकर जीत लिया। ईवीएम, सीआरपीएफ और केंद्रीय पुलिस और चुनाव आयोग का उपयोग करके उन्हें सिर्फ 18 सीटें मिलीं, कुछ सीटें हासिल करके वे हमारे पार्टी कार्यालयों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे लोगों की पिटाई कर रहे हैं। मैं चुनाव आयोग से मतपत्र के माध्यम से पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने का अनुरोध करूंगी।
शहीद सभा में उमड़ी भीड़
कोलकाता के धर्मतल्ला में तृणमूल युवा कांग्रेस की शहीद सभा में शामिल होने के लिए शनिवार की रात से ही हावड़ा व आसपास के इलाकों समेत सुदूर उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से पार्टी समर्थकों का आने का सिलसिला जारी रहा। सुबह भी आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में पार्टी समर्थक सड़क व रेल मार्ग से हावड़ा स्टेशन पहुंचे। यहां से वे लोग सभा स्थल की ओर बढ़े। यहां पहुंचे समर्थकों में कई पैदल ही सभा स्थल की ओर रवाना हो चले तो कई रैली की शक्ल में लंचघाट पहुंचे और वहां से जलमार्ग की मदद से सभा स्थल के लिए रवाना हुए। सुबह से ही हावड़ा की फेरी घाट पर तृणमूल समर्थकों की भारी भीड़ रही।
समर्थकों की इस भीड़ में किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था या समस्या ना हो इस पर नजर रखने के लिए हावड़ा सिटी पुलिस की ओर से भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। नदी में चल रहे जलयान पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सुबह से ही लगातार समर्थकों के आने का सिलसिला जारी है। समर्थकों की भीड़ में आदिवासी नृत्य पर आधारित झांकियां देखने लायक रहीं।
दो दिन पहले ही पहुंचे समर्थक
इस बार दो दिन पहले से ही राज्य के विभिन्न जिलों से पार्टी कार्यकर्ता कोलकाता पहुंचने लगे। इस बार भी भारी भीड़ जुटने का दावा किया गया है।
जानें, तृणमूल क्यों मनाती है शहीद दिवस
21 जुलाई, 1993 को युवा कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान हुआ था। पुलिस के रोकने के बावजूद वह समर्थकों के साथ आगे बढ़ रही थी। तत्कालीन ज्योति बसु की सरकार के निर्देश पर पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गए थे। इस दिन को ममता हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं।