पश्चिम बंगाल का नया नाम होगा 'बांग्ला', ममता की मौजूदगी में विधानसभा में प्रस्ताव पेश
तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहले 2011 में ममता बनर्जी ने राज्य का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव पारित कराया था लेकिन मंजूरी नहीं मिली।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल का अब नया नाम बांग्ला हो जाएगा। क्योंकि ममता सरकार ने राज्य के नाम बदलने के लिए गुरुवार को विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया, जिसका कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायकों ने भी समर्थन किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्ताव पारित होने के दौरान कहा कि हम तीन अलग-अलग भाषाओं में राज्य का तीन नाम करना चाहती थी, लेकिन केंद्र को मंजूर नहीं था। इसीलिए अब एक ही नाम बांग्ला रखा गया है।
राज्य के सभी दलों ने विधानसभा में इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। अब इस प्रस्ताव को केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि सभी भाषाओं में यह नाम बांग्ला ही होगा। इससे दो साल पहले ममता बनर्जी सरकार ने नाम बदलने का प्रयास किया था, लेकिन उस पर बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
दो बार पहले पारित हो चुका है प्रस्ताव
दरअसल तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहले 2011 में ममता बनर्जी ने राज्य का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव पारित कराया था लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद सरकार ने अलग-अलग भाषाओं में राज्य के तीन नाम सुझाते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था। 2016 में पारित प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला भाषा में बांग्ला, हिंदी में बंगाल और अंग्रेजी में बेंगाल रखा गया था, लेकिन इसके बाद नामों में एकरूपता नहीं होने के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए एक ही नाम रखने का सुझाव दिया। उसी अनुसार गुरुवार को बांग्ला नाम देने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
ममता को इस तरह आया नाम बदलने का ख्याल
वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस वक्त राज्य का नाम नाम बदलने का विचार शुरू किया, जब उन्हें दिल्ली में एक बैठक के दौरान अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा था। क्योंकि, पश्चिम बंगाल का वर्णमाला क्रम में नाम डब्ल्यू से शुरू होता है इसीलिए उनकी बारी अंत में आई थी। इसके बाद उन्होंने राज्य का नाम पश्चिम बंगो यानी किसी भी भाषा में लिखने में पी अक्षर से शुरू करने की बात कही थी। परंतु, सहमति नहीं बनी।
वाम सरकार ने भी बदलना चाहा था नाम
अभी बांग्ला भाषा में राज्य का नाम पश्चिम बंगाल है। इससे पहले पूर्ववर्ती वाममोर्चा की सरकार ने भी राज्य का नाम बदलकर पश्चिमबंग रखने की सिफारिश की थी। हालांकि उस पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई थी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पश्चिम बंगाल लोकायुक्त बिल, 2018 भी पास हुआ।
विभाजन के दौरान नाम पड़ा था पश्चिम बंगाल
गौरतलब है कि 1947 में आजादी और देश के विभाजन के बाद बंगाल प्रांत का भी विभाजन हो गया। जो हिस्सा भारत के साथ रहा उसे पश्चिम बंगाल कहा गया और जो पाकिस्तान के पास गया, उसे पूर्वी पाकिस्तान कहा गया। पूर्वी पाकिस्तान अब बांग्लादेश कहलाता है।