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राजनीति में पर्दे के पीछे भी बड़े मजबूत थे आनंद कुमार, सात साल में क्लर्क से करोड़पति बने

बहुजन समाज पार्टी के हर काम में बड़ा दखल रखने वाले आनंद कुमार से सात वर्ष में इतनी तरक्की कर ली कि अब आयकर विभाग की टीम उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:24 PM (IST)
राजनीति में पर्दे के पीछे भी बड़े मजबूत थे आनंद कुमार, सात साल में क्लर्क से करोड़पति बने
राजनीति में पर्दे के पीछे भी बड़े मजबूत थे आनंद कुमार, सात साल में क्लर्क से करोड़पति बने

लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी की मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार पर्दे के पीछे भी राजनीति में बड़े सक्रिय रहे। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती के भाई आनंद कुमार 2007 से पहले नोएडा अथॉरिटी में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत थे।

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बहुजन समाज पार्टी के हर काम में बड़ा दखल रखने वाले आनंद कुमार से सात वर्ष में इतनी तरक्की कर ली कि अब आयकर विभाग की टीम उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के भाई और पार्टी उपाध्यक्ष आनंद कुमार व उनकी पत्नी विचित्रलता के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने आज आनंद कुमार के दिल्ली से सटे नोएडा में 400 करोड़ रुपये के एक बेनामी प्लॉट को जब्त कर लिया है।

आयकर विभाग काफी समय से मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति की जांच कर रहा था। इस जांच में आयकर विभाग को पता चला कि उनके पास 28328 स्क्वायर मीटर का एक बेनामी प्लॉट है। सात एकड़ में फैले इस प्लॉट की कीमत करीब 400 करोड़ रुपये है।

आनंद कुमार सूबे में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय हो जाते थे। एक क्लर्क से लेकर धनकुबेर बनने का इनता सफर बहुत लंबा नहीं है। आनंद कुमार वर्ष 2007 से पहले तक नोएडा अथॉरिटी में क्लर्क करते थे। मायावती के उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद आनंद कुमार की संपत्ति अचानक तेजी से बढ़ी। 2007 तक आनंद कुमार लगातार अपनी नौकरी करते रहे। अपनी इस नौकरी के दौरान मीडिया ही नहीं राजनीतिक सुर्खियों से भी वो बहुत दूर थे।

आयकर विभाग का आनंद पर आरोप हैं कि वर्ष 2007 में जब आनंद कुमार नोएडा अथॉरिटी में नौकरी करते थे तो उन्होंने एक कंपनी बनाई थी। ईडी की एक जांच के दौरान सामने आया कि 2014 तक आनंद ने 45 से अधिक कंपनियां खड़ी कर ली थीं। आयकर विभाग की नजरें उन 12 कंपनियों पर भी है, जिनसे आनंद कुमार बतौर निदेशक जुड़े थे। आयकर विभाग को अपनी जांच में पता चला है कि 2007 से 2012 तक जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, तब पांच कंपनियों के फैक्टर टेक्नोलॉजीज, होटल लाइब्रेरी, साची प्रॉपर्टीज, दीया रियल्टर्स और ईशा प्रॉपर्टीज के जरिए अधिकतर पैसा इकट्ठा किया गया। ईडी और इनकम टैक्स के आरोपों के अनुसार जांच में खुलासा हुआ है कि 2007 के दौरान आनंद कुमार के पास करीब 7.1 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। सात साल में 2014 तक आनंद कुमार ने अपनी संपत्ति को बढ़ाकर 1316 करोड़ रुपये कर लिया था। इन सात साल के दौरान पांच साल मायावती की सरकार रही थी। जांच के दौरान इस संबंध में आनंद का कहना था कि इस दौरान उनकी कंपनियों के मुनाफे में 18000 प्रतिशत का उछाल आया था।

बसपा में अब नंबर दो की हैसियत रखने वाले आनंद कुमार ने दस वर्ष में अकूत दौलत एकत्र की और क्लर्क से धनकुबेर बन गए। उसके बाद उन्हें बसपा में शामिल किया गया । उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। नसीमुद्दीन पार्टी से बाहर हो चुके हैं। सतीश मिश्रा से पहले और मायावती के बाद पार्टी में अब आनंद का नाम आता है।

आयकर विभाग का दावा है कि उसके पास मायावती के भाई आनंद कुमार की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी है। इन संपत्तियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जा सकती है। 


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