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विहिप को उम्मीद, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ही तय हो जाएगा मंदिर का मॉडल

श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद को उम्मीद है कि राम मंदिर उनके ही मॉडल पर बनाया जाएगा भले ही उसे अपग्रेड कर विस्तार दे दिया जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 11:00 PM (IST)
विहिप को उम्मीद, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ही तय हो जाएगा मंदिर का मॉडल
विहिप को उम्मीद, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ही तय हो जाएगा मंदिर का मॉडल

प्रयागराज, जेएनएन। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को उम्मीद है कि राम मंदिर उनके ही मॉडल पर बनाया जाएगा, भले ही उसे अपग्रेड कर विस्तार दे दिया जाए। परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक शीघ्र होगी, जिसमें मॉडल तय हो जाएगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि रामनवमी से पहले मंदिर निर्माण का श्रीगणेश हो जाएगा। ट्रस्ट में आंदोलन से जुड़े लोगों को शामिल किया जाना अच्छा है। जल्द ही अन्य छह नामों की भी घोषणा हो जाएगी।

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद बुधवार को माघ मेला क्षेत्र स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में उल्लास का माहौल था। यहां मातृ शक्ति के अखिल भारतीय वर्ग में आए केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी के नेतृत्व में मंदिर के मॉडल के सामने लड्डू वितरित किया गया। पूरा शिविर राम के जयकारे से गूंज उठा। इसी शिविर में पिछले माह 20 जनवरी को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल और 21 जनवरी को संत सम्मेलन का आयोजन हुआ था। उसमें मंदिर निर्माण के साथ ही मॉडल व ट्रस्ट को लेकर चर्चा हुई थी।

विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार ने विहिप की मंशा के अनुरूप ही ट्रस्ट का गठन किया है। ट्रस्ट में शामिल पांच में से तीन संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, स्वामी परमानंद सरस्वती महाराज और कर्नाटक के उडुप्पी स्थित पेजावर पीठाधीश्वर विश्व प्रसन्न तीर्थ महाराज संत सम्मेलन में शामिल भी हुए थे।

राम मंदिर निर्माण में सरकार अब न करे देरी : स्वामी वासुदेवानंद

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट में शामिल किए जाने पर स्वामी वासुदेवानंद ने प्रसन्नता जताई है। उन्होंने बताया कि नव संवत्सर से हनुमत जयंती के बीच श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होना चाहिए। मंदिर का निर्माण प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप हो और धन कम पड़े तो इसे लोगों से जुटाया जाए। बुधवार शाम पत्रकारों से बातचीत में स्वामी वासुदेवानंद ने बताया कि राम मंदिर के लिए भक्तों से 1.25 रुपये दान के रूप में जुटाई सवा आठ करोड़ रुपये राशि में 60 फीसद पत्थरों पर खर्च हो चुकी है। शेष राशि से मंदिर का निर्माण शुरू कराया जाए। पैसे कम पड़ने पर इसलिए जन-जन से सहयोग लिया जाए, क्योंकि यह मंदिर जन-जन का होगा। प्राथमिकता पूछने पर बताया कि सरकार से यही अपील करेंगे के मंदिर निर्माण में देरी न हो।

ट्रस्ट का गठन सराहनीय कदम : नरेंद्र गिरि

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रस्ट में उन सभी लोगों को शामिल किया गया है जो मंदिर आंदोलन से शुरू से जुड़े रहे और सक्रिय भूमिका में रहे। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अब सरकार से जल्द पहल करने की अपील भी की।

मुकदमों के चलते नृत्य गोपाल दास व चंपत राय का नाम नहीं

विश्व हिंदू परिषद को सीधे ट्रस्ट में न शामिल किए जाने पर केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने सफाई दी। वह बुधवार को प्रयागराज में ही थे। बोले कि चंपत राय का नाम शामिल किया जाना लगभग तय था लेकिन, ढांचा गिराए जाने के मामले में मुकदमा होने के कारण श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय का नाम ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया। नृत्य गोपाल दास पिछले 15 दिनों से माघ मेला स्थित अपने शिविर में ही थे। बुधवार को ट्रस्ट के गठन के बाद वह लखनऊ रवाना हो गए।


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