पुलिस कर्मियों ने ओपी सिंह को दी विदाई, कहा- वर्दी धारण कर जनसेवा करना वरदान से कम नहीं
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। लखनऊ पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड पर आयोजित समारोह में उन्हें विदाई दी गई।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। लखनऊ पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड पर आयोजित समारोह में उन्हें विदाई दी गई। पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने और अपने परिवार की ओर से बधाई और शुभकामनाएं देते ओपी सिंह ने कहा कि आज लगभग 37 वर्ष की सेवा के बाद अच्छा और बुरा दोनों लग रहा है। अच्छा इसलिए क्योंकि पिछले दो साल तक कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम किया और बुरा इसलिए क्योंकि आज विदा ले रहा हूं। उनके सम्मान में आयोजित रैतिक परेड की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह परेड उच्च कोटि की थी। इसके लिए उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी, पुलिस आयुक्त लखनऊ और परेड में शामिल परेड कमांडर व जवानों को धन्यवाद दिया।
ओपी सिंह ने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस सेवा सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि वर्दी धारण करने का सौभाग्य प्राप्त करना और जन सेवा जैसे पुण्य का अवसर प्राप्त करना एक वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि डीजीपी रहते हुए जिन नए प्रयोगों में हमने सफलता पाई है, वह आपके सहयोग के बिना सम्भव नहीं था। उन्होंने दोनों पुलिस कमिश्नरों को धन्यवाद दिया और कहा कि आशा करता हूं कि वे हमारी कसौटियों पर खरे उतरेंगे।
ओपी सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान यूपी पुलिस की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि एकीकृत आपात सेवा 112 का शुभारंभ किया गया, जिसमें अमेरिका जैसे विकसित देश को पछाड़ते हुए विश्व मे इसे तीसरा स्थान मिला। साइबर क्राइम अगेंस्ट वीमेन में बड़ा काम किया। ई-कोर्ट का शुभारंभ हुआ। टिवटर पर पर 7000 एफआईआर हुईं। 62वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट आयोजित की गई। उन्होंने आगे कहा कि साईबर अपराध के लिए साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए वर्कशॉप हुई । कानून व्यवस्था के क्षेत्र में कुम्भ और अयोध्या प्रकरण के समय पुलिस की सराहना हुई। संगठित अपराध के मामले में कार्रवाई की गई। फर्रुखाबाद में 21 बच्चों को छुड़ाया और बंधक बनाने वाला व्यक्ति को पुलिस इनकाउंटर में मारा गिराया गया।।
ओपी सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान पॉक्सो में ऐतिहासिक समय में अपराधियों को सजा दिलाई गई। प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में 28 प्रतिशत की कमी आई है। पदोन्नति और भर्ती में हमारा पूरा ध्यान रहा। कुल 121 आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति हुई और 46 हजार से ज्यादा पदोन्नतियां की गईं। इस दौरान 5 हजार पुलिस अधिकारियों को सम्मान दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार के लिए हमें अधिक से अधिक करना है। हमें चुनौतियों पर आगे भी खरा उतरना है।