सिनेमा के टिकट तक ब्लैक करने वाले यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' पर 32 मुकदमे
कुशीनगर के तमकुहीराज विधानसभा से लगातार दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित अजय कुमार लल्लू अभी तक कांग्रेस विधायक दल के नेता थे।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जमीन से जुड़े नेता हैं। हमेशा संघर्ष को वरीयता देने वाले अजय कुमार ने संघर्ष के दिनों में सिनेमा के टिकट को भी ब्लैक में बेचा था। उनके खिलाफ 32 मुकदमे दर्ज हैं जबकि वह 18 बार जेल जा चुके हैं।
अजय कुमार लल्लू किसी भी तामझाम में भरोसा नहीं करते हैं। कुशीनगर के तमकुहीराज विधानसभा से लगातार दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित अजय कुमार लल्लू अभी तक कांग्रेस विधायक दल के नेता थे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को पद संभालने अजय कुमार हमेशा की तरह ही कुशीनगर से रोडवेज की बस से लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचे। जहां से कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण किया।
32 मुकदमे, 18 बार जेल
लल्लू ने कहा कि राजनीति में मुकदमे गहना होते हैं। मेरे ऊपर 32 मुकदमे हैं और 18 बार जेल गया। मुझे खुशी है कि मैं किसी आपराधिक मामले में नहीं, बल्कि गरीबों, मजदूरों व किसानों की समस्याओं को लेकर जेल गया।
पिता कर्जदार थे, ब्लैक किया सिनेमा के टिकट
प्रदेश अध्यक्ष बनने से भावुक अजय कुमार लल्लू ने सोनिया, राहुल व प्रियंका गांधी का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका दिया। पिता जी कर्जदार थे, लोग दरवाजे पर आकर गाली देते थे। पढ़ाई व जीवनयापन के लिए नमक, खाद व पटाखे बेचे। सिनेमा हॉल के टिकट ब्लैक किए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा अगर हिम्मत व जूझने की क्षमता है तो कोई भी ऐसी मंजिल नहीं है जहां आप नहीं पहुंच सकते हैं।
एक तीर से दो निशाना
अजय कुमार लल्लू कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। अजय कुमार लल्लू को प्रदेश की कमान सौंपकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साध रही है। पहला अजय कुमार लल्लू पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं और दूसरा वह पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं।वह सामाजिक न्याय के मुद्दे पर मुखर भी हैं और यूपी में हर मसले को उठाने को लेकर तत्पर रहते हैं। इसी कारण अजय कुमार लल्लू को उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। लल्लू को लेकर एक वाकया अक्सर सुनाया जाता है। 2007 में कुशीनगर के आजादनगर कस्बे में एक नौजवान निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाषण दे रहा था. एक जोशीला भाषण। तभी पीछे से एक बुजुर्ग की आवाज आई, 'ई बार त ना, पर अगली बार बेटा विधायक बनबे।' मतलब इस बार तो नहीं लेकिन अगली बार जरूर विधायक बनोगे। जब चुनाव का नतीजा आया तो नौजावन निर्दलीय उम्मीदवार कुछ हजार वोटों पर सिमट गया। वह हारा हुआ नौजवान कोई और नहीं, अजय कुमार लल्लू थे। अजय कुमार लल्लू की खासियत यह रही कि हमेशा से जमीनी आंदोलनों में बेहद सक्रिय रहे हैं। इन्हीं संघर्षों के चलते उन्हें हर मुद्दे पर पुलिसिया सख्ती का सामना करना पड़ा।हर बार उन पर लाठियां बरसीं।
संघर्ष के प्रति अजय शुरुआती दिनों में इतने प्रतिबद्ध रहे कि लोग उन्हें 'धरना कुमार' कहने लगे। नदियों के कटान को लेकर धरने पर बैठने लगे।गन्ना किसानों के लिए मीलों के घेराव के आंदोलन की पहली कतार में हमेशा खड़े नजर आए। विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने भी अजय कुमार लल्लू पर भरोसा जताया और उन्हें टिकट दे दिया। एक बुजुर्ग की पांच साल पुरानी भविष्यवाणी सच साबित हुई और एक मजदूर, एक संघर्ष करने वाला नौजवान तमकुहीराज विधानसभा से विधायक चुना गया। अजय कुमार वर्ष 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे तब उन्होंने भाजपा के नंद किशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हराया था। 2017 के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) की प्रचंड लहर में भी तमकुहीराज की जनता ने फिर से अपने धरना कुमार को चुना। भाजपा लहर में भी उन्होंने न सिर्फ अपनी सीट बचाये रखी बल्कि 2012 से ज्यादा बड़े अंतर से जीत दर्ज की।