उत्तर प्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, अंतिम दिन चार विधेयक पारित
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आज सत्र की समाप्ति पर सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र में आज अंतिम दिन चार विधेयक पारित हो गए। विपक्ष के हंगामे के बाद भी आठ दिन कार्यवाही चली।
कांग्रेस ने आज कुशीनगर जिले के तमकुहीराज में बूढ़ी गंडक नदी से एपी तटबंध पट्टी में 25 घर कट जाने और सरकार की तरफ से बाढ बचाव की व्यवस्था न किए जाने पर नियम 56 के तहत सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा कराए जाने की मांग की। चर्चा कराए जाने की मांग अस्वीकार होने पर कांग्रेस ने सदन से किया बहिर्गमन।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने आज सत्र की समाप्ति पर सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेता व सदस्यो ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में प्रदेश के निजी 27 विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व एकरूपता लाने के लिए निजी विश्वविद्यालय विधेयक- उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2019, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक, 2019 एवं इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय का नाम बदलने हेतु- उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2019 सहित कुल 13 महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए गए। कई सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतीकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया।
हृदय नारायण दीक्षित ने बताया की सत्र में सात उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 25 घण्टे 39 मिनट चली। तीन घंटे तीन मिनट बाधित रही। प्रथम दिन को छोड़कर अन्य दिनों में सत्र में व्यवधान नहीं हुआ। सदन के प्रथम दिन विधान सभा के वर्तमान सदस्य जगन प्रसाद गर्ग को शोकांजलि अर्पित करते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित रही। 22 जुलाई को दिल्ली की भूतपूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एवं गोवा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को भावभीनी श्रद्वांजलि दी गयी। श्रीमती शीला दीक्षित एवं मनोहर पर्रिकर को विनम्रता, सौम्यता, सरलता एवं लोकप्रियता व दिल्ली एवं गोवा के विकास में उनके विशिष्ट योगदान की चर्चा हुई। दूसरे दिन 15 भूतपूर्व सदस्यों को भी श्रद्वांजलि अर्पित की गयी।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि 23 जुलाई मुख्यमंत्री जी की तरफ से सदन में चन्द्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिको तथा उनकी टीम को हार्दिक बधाई का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री जी ने बताया की चन्द्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण ने यह साबित कर दिया की भारत आंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी शक्ति के रूप में उभरकर आया और चुनिन्दा देशों की कतार में शामिल हो गया है। नेता विरोधी दल एवं अन्य दलीय नेताओं ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। चन्द्रयान-2 मिशन के उद्वेश्यों की पूरी सफलता के लिए सदन की तरफ से बधाई संदेश पारित हुआ।
दीक्षित ने बताया कि सदन में फागू चौहान, सदस्य विधानसभा को बिहार राज्य का राज्यपाल बनाए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री द्वारा बधाई प्रस्ताव रखा गया। सभी दलीय नेताओं ने फागू चौहान को बधाई देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विस्तार से चर्चा की और बधाई प्रस्ताव पारित हुआ। फागू चौहान ने सभी दलीय नेताओं एवं सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सात दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 139, तारांकित प्रश्न 1092, अतारांकित प्रश्न 1553, प्राप्त हुए। इनमें कुल 877 प्रश्न उत्तरित हुए। इसी प्रकार सरकार से वक्तव्य मांगने वाले नियम-51 के अन्तर्गत 565 सूचनाएं प्राप्त हुई। जिन्हें वक्तव्य के लिए स्वीकार किया गया। सरकार का ध्यान आकृष्ट करने वाले नियम-301 की 373 सूचनाएं प्राप्त हुयी। नियम-56 के अन्तर्गत लोकमहत्व के विषयों पर कार्य स्थगन की 38 सूचनाएं प्राप्त हुयी। तमाम सूचनाओं की ग्राहता हेतु सुना गया व बहस हुई। तमाम सूचनाओं पर शासन का ध्यान आकृष्ट किया गया। इसी सत्र में कुल 277 याचिकाएं सदन में प्रस्तुत की गयी।
मानसून सत्र में 1359487.14 लाख का अनुपूरक बजट पास हुआ। नेता सदन योगी आदित्य नाथ ने दो घंटा पांच मिनट उपस्थित रहकर अनुपूरक बजट पर चर्चा की और अब तक की शासन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वे सदन में उठने वाले महत्वपूर्ण विषयों के समय सदन की कार्यवाही में उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण विपक्ष ने विभिन्न प्रकार के जन महत्व के प्रश्नों को उठाया। अनुपूरक बजट पर विस्तार से अपना पक्ष रखा। अध्यक्ष ने नेता बहुजन समाज पार्टी, लाल जी वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता, अजय कुमार लल्लू, अपना दल के नेता, नील रतन पटेल, भारतीय सुहेलदेव पार्टी के नेता, ओम प्रकाश राजभर सहित सभी दलीय नेताओं के सहयोग की भी प्रशंसा की है। संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश खन्ना सहित अन्य मंत्रियों ने विपक्ष की तरफ से उठाए गए मुद्दो पर उत्तर दिए। सब ने सदन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मंत्रिमण्डल के सदस्यों को निरंतर सदन में उपस्थित रहकर उत्तर देने के लिए धन्यवाद दिया।
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