Move to Jagran APP

विपक्ष के हंगामे के कारण विधान सभा व परिषद अनिश्चित काल के लिए स्थगित, आधा घंटा में अनुपूरक बजट पेश

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा होने लगा। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस के विधायक सदन में धरना पर बैठ गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 12:52 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 03:27 PM (IST)
विपक्ष के हंगामे के कारण विधान सभा व परिषद अनिश्चित काल के लिए स्थगित, आधा घंटा में अनुपूरक बजट पेश
विपक्ष के हंगामे के कारण विधान सभा व परिषद अनिश्चित काल के लिए स्थगित, आधा घंटा में अनुपूरक बजट पेश

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष के भारी हंगामा के बीच उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र अनिश्तिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्र शुक्रवार तक चलना था, लेकिन भारी विरोध के बीच इसको एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया।

loksabha election banner

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा होने लगा। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस के विधायक सदन में धरना पर बैठ गए। इसके बाद भी विधानसभा की कार्यवाही जारी रही। संसदीय कार्य मंत्री ने प्रस्ताव रखे। अनुपूरक बजट को चर्चा के लिए विधानसभा में रखा गया। बजट के प्रस्ताव विधानसभा में रखे गए।

भारी हंगामा के बीच भी विधानसभा के अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने कार्यवाई जारी रखी। इसी हंगामे के बीच अनुपूरक बजट के साथ समेत छह विधेयक महज आधा घंटे में पारित हो गए। विधानसभा में अनुपूरक बजट पास। 4,210 करोड़ का अनुपूरक बजट हुआ पास। शोर-शराबे के बीच अनुपूरक बजट पास।बिना चर्चा के अनुपूरक बजट पास हुआ। शिक्षक सेवा चयन आयोग विधेयक पास। यूपी मंत्री वेतन-भत्ता विधेयक पास हुआ। राज्य विश्वविद्यालय तृतीय संसोधन विधेयक पास हुआ। नियम 51 की सभी सूचनाओं को स्वीकृत किया गया। विधान सभा की कार्यवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई। विरोध के कारण प्रश्न काल नहीं हो सका। इसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।

पुलिस उत्पीड़न को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विधानसभा में भारी हंगामा किया। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष चाहता ही नहीं है कि सदन चले। नियम 301 के तहत आई सभी सूचना विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकृत की। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा का रवैया काफी गैरजिम्मेदाराना था। जो कानून यूपी सरकार ने नहीं बनाया, जिस कानून से किसी का नुकसान नहीं है, उस विषय को लेकर ये लोग माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं, जिसकी सरकार निंदा कर रही है। 17 तारीख को विपक्ष ने नागरिक कानून को लेकर चर्चा की। जिलों में जहां भी कानून हाथ में लेने की कोशिश की गई, कार्रवाई हुई। सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने सभी विषयों पर जवाब दिया। इतने त्यौहार बीत गए, कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ी।

सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्षी सदस्य सदन को हाइजैक करने की कोशिश कर रहे थे। आज भी वेल में आ गए। आप अपनी बात कहें सदन में लेकिन विपक्ष सदस्य लगातार सदन को बाधित कर रहे हैं। लगातार हाउस को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष चाहता है कि हर बात पर चर्चा हो। एक ही विषय में तीन दिन से सदन को बाधित किया गया। विपक्ष के सदस्य गैर जिम्मेदाराना तरीके से सदन को लेकर चलना चाहते थे। विधायक की नाराजगी पर बोलते हुए कहा कुछ भी ऐसा नहीं हुआ। अपनी बात कहना सबका अधिकार है, हमारे घर का मामला है।

विधानसभा गुरुवार सुबह से ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह सभी लोग बैनर, पोस्टर और झंडे लेकर चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे बैठे थे। कुछ विधायक गेट पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे थे। इसके साथ ही कांग्रेस विधायक भी धरने पर बैठे। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ कांग्रेस के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य भी धरने पर बैठे।

विधान परिषद में भी विरोध

विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि आज सुबह मेरे इलाके का चौकी इंचार्ज मेरे घर पर एक नोटिस लेकर आया। उसने मुझे नोटिस दी और बताया कि प्रदेश में धारा 144 लागू है। यदि आपने इस धारा का उल्लंघन किया तो आप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने कहा कि मैं पुलिस अफसर रहा हूं। बतौर पुलिस अफसर मुझे प्रेसिडेंट का गैलंट्री अवॉर्ड मिला। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द का पुरस्कार मिला लेकिन आज तक मेरे घर पर कोई चौकी इंचार्ज इस तरह मुझे बताने नहीं आया। उन्होंने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम प्रजातंत्र में जी रहे हैं या तानाशाही में। सपा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पहले ही जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन का ऐलान किया था।

मुख्यमंत्री ने अफसरों को इस प्रदर्शन को कुचलने का निर्देश देकर तानाशाह रवैये का परिचय दिया है। इस पर नेता सदन दिनेश शर्मा ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के घर पर कॉन्स्टेबल उन्हें नोटिस देने के लिए गया था। कल्याण सिंह ने उस कांस्टेबल को बैठाया चाय पिलाई और नोटिस रिसीव किया। नेता प्रतिपक्ष जो कह रहे हैं तो उसमें भी पुलिस ने अपनी ड्यूटी निभाई है, इसमें एतराज की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं मेयर था तब एक चपरासी मुझे नोटिस देने आया था। इस पर सपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और अधिष्ठाता ओम प्रकाश शर्मा ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद में सदन के स्थगन की अवधि को दोपहर 12:00 बजे तक बढ़ा दिया गया। 

दोपहर 12:00 बजे विधान परिषद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन फिर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि पुलिस के इस दमनात्मक रवैये के लिए सरकार जिम्मेदार है । सरकारें प्रजातंत्र से चलती हैं । उन्होंने अधिष्ठाता से इंसाफ दिलाए जाने की मांग की । इसी बीच सपा के सदस्य सदन के वेल में आकर हंगामा करने लगे और अधिष्ठाता ओमप्रकाश शर्मा ने सदन की कार्यवाही दोपहर 1:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी ।

विधान परिषद में भी बमुश्किल 10 मिनट के भीतर अनुपूरक बजट समेत छह विधेयक पारित । परिषद भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित। सपा, कांग्रेस और शिक्षक दल के सदस्य विरोधस्वरूप सदन में धरने पर बैठे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.