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BJP MLA Protest Against UP Government : सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही स्थगित करा दिया सदन, विपक्ष का भी मिल गया समर्थन

UP Vidhan Sabha Session गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद कुमार गुर्जर के समर्थन में भाजपा के साथ समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के विधायकों ने प्रदर्शन किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 09:39 PM (IST)
BJP MLA Protest Against UP Government : सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही स्थगित करा दिया सदन, विपक्ष का भी मिल गया समर्थन
BJP MLA Protest Against UP Government : सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही स्थगित करा दिया सदन, विपक्ष का भी मिल गया समर्थन

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आज विधानमंडल के मानसून सत्र में उस समय असहज हो गई जबकि भाजपा के ही पांच दर्जन से अधिक विधायक सदन में सरकार के खिलाफ धरना पर बैठ गए। इन सभी को शीतकालीन सत्र के पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण इनको सभी को बाद में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के भी काफी विधायकों का समर्थन मिल गया। इनके हंगामा करने के कारण सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित हो गई।

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किसी भी राज्य में यूं तो विपक्ष के कारण अक्सर ही विधानसभा सदन की कार्यवाही स्थगित होती रही है लेकिन मंगलवार को लखनऊ में पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी। पुलिस उत्पीडऩ पर अपनी बात कहना चाह रहे गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में उनकी पार्टी के विधायक तो आये ही विपक्ष भी साथ खड़ा हो गया। अंतत: विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन स्थगित होने के बावजूद सत्ता पक्ष व विपक्ष के करीब 200 विधायक सदन में ही डटे रहे। 

इस मामले की शुरुआत दोपहर 1:40 बजे हुई। भाजपा के नंद किशोर गुर्जर पुलिस उत्पीडऩ के मामले में अपनी बात कहना चाह रहे थे लेकिन उन्हें मौका न मिला। उनके समर्थन में करीब सौ से अधिक भाजपा विधायक अपने स्थान पर खड़े हो गए। विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगने लगे। विपक्ष के सदस्य भी उनके समर्थन में खड़े हो गए। यह देख पौने दो बजे विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। फिर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य डटे रहे। इस बीच नंद किशोर के पास मार्शल भी भेजा गया, लेकिन वह सदन से नहीं गए। 

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी व मंत्री सुरेश राणा विधायक नंद किशोर को समझाने उनकी सीट पर गए लेकिन सफल न हुए। इस बीच सदन में स्थगन का समय 15-15 मिनट करके दो बार और बढ़ाया गया। पौने तीन बजे सदन जब फिर शुरू हुआ तो सत्ता पक्ष के 100 से अधिक विधायक अपने स्थान पर खड़े हो गए। करीब पांच मिनट शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही चली। अंतत: विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने कहा विधानसभा कल तक स्थगित होने के बाद भी भाजपा के सौ से अधिक विधायक सदन में अपनी ही सरकार में उपेक्षित होने के कारण बैठे। उन्होंने कहा कि इस समय सदन में विपक्ष सहित 200 से अधिक विधायक सरकार की तानाशाही के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। यानी सरकार अल्पमत में है। समय से पहले जनता को कुकर्मियों से निजात मिलने की उम्मीद है।  

बंद कमरे में दो चरणों में हुई वार्ता

नाराज भाजपा सदस्यों को मनाने के लिए दो चरणों में बंद कमरे में वार्ता हुई। पहली बार सत्ता पक्ष की लॉबी में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना सहित कई मंत्री भाजपा विधायकों के साथ बैठे। करीब पौन घंटे चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। नंद किशोर गुर्जर अभद्रता करने वाले अधिकारी को सदन में बुलाकर अवमानना के मामले में कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे। दूसरी बार फिर कमरा नंबर 15 में दरवाजा बंद कर विधायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष व मंत्री बैठे। एक घंटे से अधिक वार्ता चली।  

शिकायतों का होगा निस्तारण :  दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा के कुछ सदस्यों ने अपनी कठिनाइयां हमें बताई हैं। उनकी शिकायतों के निस्तारण का आश्वासन दिया है। किसी भी सदस्य को यदि कोई दिक्कत है तो समस्या अपने स्तर से हल कराने की कोशिश करूंगा। 

नहीं दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस 

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी सदस्य ने उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस नहीं दिया। जहां तक सदन में बोलने का अवसर न मिलने की बात है तो सदन में कई बार ऐसा हो जाता है। जब शोर अनियंत्रित हो गया था तब मैंने सदन स्थगित कर दिया। 

फिर देंगे धरना : राम गोविंद चौधरी

नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि 169 विधायकों ने डीएम, एसपी को बुलाकर कार्रवाई की मांग की है। यदि सरकार बुधवार को कार्रवाई नहीं करेगी तो फिर धरना दिया जाएगा। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने भी बुधवार 11 बजे अपना फैसला सुनाने का निर्णय लिया है।


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