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UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने की तैयारी शुरू, एक से मतदाता सूची का पुनरीक्षण

UP Panchayat Electionउत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम तय कर दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 04:13 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 11:27 PM (IST)
UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने की तैयारी शुरू, एक से मतदाता सूची का पुनरीक्षण
UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने की तैयारी शुरू, एक से मतदाता सूची का पुनरीक्षण

लखनऊ, जेएनएन। UP Panchayat Election:देश की राजनीति की दिशा तथा दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की तैयारी का बिगुल बज गया है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम तय कर दिया है। उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान समेत सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसको देखते हुए भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अभी चुनाव की तारीख घोषित तिथि घोषित नहीं की गई है, लेकिन आज से औपाचारिक शुरुआत हो गई है। 

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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के जारी कार्यक्रम से साफ है कि अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले वर्ष ही हो सकते हैं। 29 दिसंबर को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होने से पंचायत चुनाव अगले वर्ष फरवरी या मार्च में होने की उम्मीद जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल इसी वर्ष 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में प्रशासक तैनात किए जाएंगे। जिला पंचायतों में भी प्रशासकों का नियुक्त होना तय माना जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के जारी आदेश के क्रम में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए एक अक्टूबर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होगा। आज यानी 15 सितंबर से बीएलओ तथा पर्यवेक्षकों को काम बांटने के साथ स्टेशनरी वितरण का काम शुरू कर दिया गया है।

यह दोनों काम 30 सितंबर तक खत्म कर लेने होंगे। इसके बाद एक अक्टूबर से 12 नवंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना तथा सर्वेक्षण कार्य करेंगे। एक अक्टूबर से पांच नवंबर में मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने या फिर संशोधन का काम ऑनलाइन हो सकेगा। छह नवंबर से 12 नवंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर ऑनलाइन से प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच करेंगे।

इसके बाद 13 नवंबर से पांच दिसंबर तक ड्राफ्ट नामावलियों की कम्पयूटर से पांडुलिपि तैयार की जाएगी। छह दिसंबर से ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। छह से 12 दिसंबर तक ड्राफ्ट के रूप में प्रकाशित नामावली का निरीक्षण किया जाएगा। छह से 12 दिसंबर के बीच में ही दावा तथा आपत्ति प्राप्त की जाएगी। 13 से 19 दिसंबर तक दावा तथा आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद 20 से 28 दिसंबर तक पांडुलिपि को मूल स्थान में समाहित करने की कार्यवाही होगी। प्रदेश में 29 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। 

सूबे के जिन जिलों में कोरोना की स्थिति बेहतर नजर आ रही है, वहां पर 15 सितंबर से मतदाता सूची बनाने का काम शुरू हो गया है। आयोग से बुकलेट और प्रपत्र पहले ही भेजे जा चुके हैं। पहले डोर टू डोर सर्वे होगा। बीएलओ गणना कार्ड पर नाम नोट करेंगे, जो पहले से नाम है उनके आधार और मोबाइल नंबर लिए जाएंगे। इसके बाद जिन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में बचेंगे, उनके नाम फार्म भरवाकर शामिल करे जाएंगे।

दरअसल उत्तर प्रदेश की 59,163 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आगामी 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। 13 जनवरी 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष और 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। माना जा रहा है उत्तर प्रदेश सरकार इस बार जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी, प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराएगी।

आयोग से अभी जिलों को जो तैयारी कराने के निर्देश दिलवाए गए हैं, वह चारों पदों पर एक साथ चुनाव कराए जाने के क्रम में हैं। इससे साफ जाहिर है कि यूपी में जब भी चुनाव होंगे सभी पदों पर एक साथ होंगे। सूबे की पंचायतों का परिसीमन भी है। इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों का पिछले पांच वर्ष में शहरी निकायों में विलय हुआ है उनको हटाकर अब ऐसी पंचायतों के नए सिरे से वार्ड भी तय होने हैं। वोटर लिस्ट का विस्तृत पुनॢनरीक्षण का काम 15 सितंबर से शुरू हो गया है। 

अगले साल ही चुनाव की संभावना बनती नजर आ रही है। ऐसे में यूपी सरकार ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म कर ग्राम प्रधान और वार्ड सदस्यों को मिलाकर प्रशासनिक समिति का गठन कर सकती है। इस दौरान मौजदा ग्राम प्रधानों को ही प्रशासक बनाकर उनसे ही गांव में विकास कार्य करवाए जा सकते हैं।


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