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UP foundation day 2020 : CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा

UP foundation day 2020 सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:33 AM (IST)
UP foundation day 2020 : CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा
UP foundation day 2020 : CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा

लखनऊ, जेएनएन। UP foundation day 2020 : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अवध शिल्प ग्राम में तीसरे उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया। इस तीन दिवसीय समारोह के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित नौनिहालों के लिए प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय में स्थापित किए जाने वाले अटल आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित है। 'जिसका कोई नहीं, उसका शासन होगा'। शासन इस भावना से अपने दायित्व के निर्वहन के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।

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खिलाड़ी हुए पुरस्कृत, उद्यमी भी सम्मानित

इससे पहले राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल की विभिन्न स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली पांच महिला खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और नौ पुरुष खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार प्रदान किया। प्रत्येक पुरस्कृत खिलाड़ी को कांस्य प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और 3.11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर फरवरी 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सरकार के साथ सहमति पत्र (एमओयू) हस्ताक्षरित करने और उसके आधार पर सूबे में निवेश करने वाले प्रदेश के सात उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया।

पिछली सरकारों पर साधा निशाना

प्रदेश की लोक संस्कृति के रंगों से सजे समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 जनवरी 1950 को उप्र इस नाम से अस्तित्व में आया था। प्रदेश की स्थापना को 70 वर्ष पूरे हुए। यह हम सभी के लिए 70 वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का अवसर है। पूर्ववर्ती सरकारों पर तंज किया कि 68 वर्षों में उप्र के बारे में सोचने की किसी को फुर्सत नहीं थी, क्योंकि उन्हें सूबे की गौरवशाली परंपराओं से कोई सरोकार नहीं था। अतीत को विस्मृत करके कोई समाज या राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता। उप्र को पुण्य और पुरुषार्थ की धरती बताने के साथ उन्होंने यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख किया। कहा कि उप्र स्थापना दिवस मनाने के लिए पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने प्रेरित किया।

खिलाड़ियों और उद्यमियों ने बदली धारणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों और उद्यमियों ने देश और विदेश में प्रदेश की धारणा बदली है। इसलिए उन्हें सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले स्थापना दिवस पर हमने एक जिला एक उत्पाद योजना लांच की थी, जिसने उप्र के निर्यात में 28 फीसद का इजाफा कराया है। दूसरे स्थापना दिवस पर विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गई और तीसरे स्थापना दिवस पर अटल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी जा रही है।

नवोदय की तर्ज पर संचालित होंगे अटल आवासीय विद्यालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि लेबर सेस तो वसूला जा रहा था, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। लेबर सेस की राशि से प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय पर स्थापित किए जाने वाले अटल आवासीय विद्यालय नवोदय विद्यालय की तर्ज पर संचालित होंगे। इनमें पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित बच्चों की निश्शुल्क पढ़ाई और रहने की व्यवस्था होगी। कहा कि जो बच्चे पढ़ाई में होशियार होंगे, उन्हें पढ़ाएंगे। जिनकी पढ़ाई में रुचि नहीं होगी, उन्हें खेल में आगे बढ़ाएंगे और जिनकी इसमें भी दिलचस्पी नहीं होगी उन्हें कौशल विकास के जरिये स्वावलंबी बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों, युवाओं और बालिकाओं के लिए संचालित योजनाओं का जिक्र किया। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटियों को बधाई भी दी।

तीन दिन रहेगी धूम

योगी ने कहा कि उप्र स्थापना दिवस समारोह के तहत 25 जनवरी को एक जिला एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा खादी एवं ग्रामोद्योग की से जुड़े निवेशकों और उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री के फ्लैगशिप कार्यक्रमों में अग्रणी स्थान दिलाने वाले अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। इसी दिन समारोह में प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया जाएगा। उद्घाटन सत्र को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी, खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

इन्हें मिला रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार

पारुल चौधरी (एथलेटिक्स), शिवा सिंह (हैंडबॉल), मरियम खान (सॉफ्ट टेनिस), अमृता पांडेय (शूटिंग) और रजनी जोशी दीक्षित (हॉकी)।

लक्ष्मण पुरस्कार से यह हुए सम्मानित

सौरभ चौधरी (शूटिंग), दिवाकर राम (हॉकी), राहुल दुबे (हैंडबॉल), श्रेयांश कुमार (सॉफ्ट टेनिस), चमन सिंह (तीरंदाजी), अभिषेक यादव (टेबल टेनिस), शिवपाल सिंह (एथलेटिक्स), राजीव तोमर (कुश्ती) और सत्येंद्र कुमार (शूटिंग)।

निवेश के लिए सम्मानित हुए उद्यमी

सम्मानित हुए उद्यमियों में शुद्ध प्लस के प्रमोटर व पार्टनर अमर तुलसियान (गोरखपुर), पीटीसी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सचिन अग्रवाल (लखनऊ), गोल्डी मसाले के अध्यक्षव प्रबंध निदेशक सोम प्रकाश गोयनका (कानपुर), केआर पल्प एंड पेपर के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक माधो गोपाल अग्रवाल (शाहजहांपुर), गैलेंट समूह के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल (गोरखपुर), केंट आरओ सिस्टम्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक महेश गुप्ता (नोएडा) और त्रिवेणी इंजीनियङ्क्षरग एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक तरुण साहनी (बुलंदशहर) शामिल हैं। सोम प्रकाश गोयनका और तरुण साहनी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके।

अन्य जिलों में भी लागू होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली: राज्यपाल

उप्र स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत मजबूत हो रही है। सूबे के दो जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है। सफल होने पर इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। इसकी बहुत जरूरत भी है।

योगी सरकार की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने कहा कि उसने अकल्पनीय, अभूतपूर्व और सार्थक कार्य किये हैं। प्रदेश सरकार ने बड़ी कुशलता से विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं के बीच संतुलन बनाया है। सरकार ने एक तरफ जहां एक्सप्रेसवे और सड़कों का संजाल बिछाया है, वहीं दूसरी ओर जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं के लाभ पारदर्शिता के साथ लोगों तक पहुंचाया है।

प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक चेतना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस हमें अपने इतिहास का बोध कराता है। अतीत के अनुभवों के आधार पर भविष्य निर्माण की योजनाएं बनाने का अवसर भी सुलभ कराता है। उप्र ने जिस तरह अपनी संस्कृति का संरक्षण किया है, वह सराहनीय है। यहां का प्रत्येक जिला अपने विशिष्ट उत्पाद के लिए जाना जाता है।


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