UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- कहते थे खून की नदी बहेगी, एक मच्छर तक नहीं मरा Gorakhpur News
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग कहते थे कि राम मंदिर पर फैसला आएगा तो खून की नदी बहेगी और हमने कहा था कि एक मच्छर भी नहीं मरेगा और वही हुआ।
गोरखपुर, जेएनएन। सीएए को लेकर भाजपा के जन जागरुकता अभियान के क्रम में रविवार को गाेरखपुर में आयोजित रैली में मंच से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 साल से हिंदू चाहते थे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बने। पहले मुगल और फिर अंग्रेज इसे लटकाते रहे। कांग्रेस ने भी उसी सिलसिले को आगे बढ़ाया। लोग कहते थे कि फैसला आएगा तो खून की नदी बहेगी और हमने कहा था कि एक म'छर भी नहीं मरेगा, और वही हुआ।
प्रायोजित है सीएए का विरोध
सीएए पर उपद्रवियों द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विपक्षियों को घेरा। कहा कि उन्हें फाइनेंस किया गया, इसी वजह से उनका मनोबल बढ़ा। महिलाओं को आगे करके विरोध की साजिश रची गई। इसे देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया कि जो भी व्यक्ति बहकावे में आकर राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान करेगा उसकी भरपाई उसी से की जाएगी। क्योंकि राष्ट्रहित सबसे पड़ा पुण्य है और राष्ट्रद्रोह सबसे बड़ा पाप।
सीएए पर मौन रहना ठीक नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए के पक्ष में मुखर होने की लोगों से अपील की। कहा कि हम इतने महत्वपूर्ण मामले पर मौन नहीं रह सकते। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने महाभारत के द्रौपदी चीरहरण प्रसंग का जिक्र किया। बताया कि विदुर ने चीरहरण की घटना के लिए तीन लोगों को दोषी माना था। पहले वह जो जिन्होंने वह अपराध किया, दूसरे वह जो अपराध में सहयोगी रहे और तीसरे वह जिन्होंने उसे लेकर मौन धारण कर लिया। आज जब देश का चीरहरण हो रहा है, तो किसी भी रूप में घटना का दोष न बने। ऐसे सीएए के पक्ष के लिए मौन तोडऩा बहुत जरूरी है।
भारत में बढ़े अल्पसंख्यक, पाकिस्तान में घटी आबादी : योगी
सीएए के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ननकाना साहिब पर हमले को लेकर पाकिस्तान को एक बार फिर घेरा। उन्होंने कहा कि इस घटना से साबित हो गया है कि अल्पसंख्यक पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं हैं। नेहरू-लियाकत समझौते में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की बात कही गई थी। भारत ने तो उसका अक्षरश: पालन किया लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा उल्लंघन करता रहा। नतीजा है कि भारत में अल्पसंख्यक आबादी आजादी के बाद से अबतक छह फीसद बढ़ी गई है जबकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23 से घटकर एक फीसद तक पहुंच गई है।
आंबेडकर को मिला सम्मान, मंडल को मिली गुमनामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय दलितों के दो मशहूर नेता थे। डॉ. भीमराव आंबेडकर और योगेंद्र नाथ मंडल। डॉ. आंबेडकर भारत के कानून मंत्री बने और योगेंद्र ने पाकिस्तान में रहना पसंद किया और वहां के कानून मंत्री बनाए गए। आंबेडकर को भारत में इतना भरपूर सम्मान मिल जबकि योगेंद्र मंडल को बाद में भारत में शरण लेनी पड़ी और शरणार्थी के तौर पर गुमनामी में उनकी मौत हुई।